Sunset Astro Tips: हिंदू धर्म में शुभ और अशुभ मुहूर्त का काफी महत्त्व माना गया है। हर सनातनी किसी अच्छे कार्य की शुरुआत करने के लिए शुभ मुहूर्त देखता है। वहीं अशुभ समय में कोई भी अच्छा कार्य करने की मनाही होती है। हमारे हिंदू धर्म शास्त्रों में शाम के समय में भी कुछ ऐसे कार्य है, जिन्हें करना वर्जित बताया गया है। कहा जाता है कि, यदि ये कार्य शाम के समय में किये तो जीवन में दुःख और निर्धनता का वास हो जाता है। इसके पीछे मां लक्ष्मी समेत अन्य देवी-देवताओं की नाराजगी को वजह माना गया है। चलिए जानते है उन कामों के बारे में जिन्हें शाम के समय में करना वर्जित माना गया हैं। 

दूध-दही का न करें दान: हिन्दू धर्म शास्त्रों में सूर्यास्त के बाद अर्ताथ शाम के समय में दूध, दही, छाछ जैसी वस्तुओं का दान करना वर्जित बताया गया है। मान्यता है कि, इन चीजों को शाम के समय दान करने से घर की बरकत चली जाती है और सारी सुख-शांति भी छिन जाती है। 

शाम को न दें किसी को भी हल्दी: हिन्दू धर्म शास्त्रों में सूर्यास्त के बाद अर्ताथ शाम के समय में हल्दी देना अशुभ माना गया है। मान्यताओं के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति शाम के समय में किसी को हल्दी देता है तो उसका सौभाग्य दुर्भाग्य में परिवर्तित हो जाता है। हल्दी का संबंध बृहस्‍पति और विष्णु से है। 

शाम को न लगाएं झाड़ू: हिन्दू धर्म शास्त्रों में सूर्यास्त के बाद अर्ताथ शाम के समय में झाड़ू लगाना अशुभ माना गया है। मान्यताओं के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति शाम के समय में घर अथवा दुकान पर झाड़ू लगाता है तो उसके घर से मां लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है। यह समय लक्ष्मी आगमन का होता है। 

शाम को मुख्‍य द्वार पर न रखें अंधेरा: हिन्दू धर्म शास्त्रों में सूर्यास्त के बाद अर्ताथ शाम के समय में घर के मुख्य द्वार पर अंधेरा रखना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज होती है। इस तरह के घरों में कभी बरकत और समृद्धि नहीं रहती है। सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार पर दीप प्रज्वल्लित करें। 

शाम को नमक- सुई भी ना दें: हिन्दू धर्म शास्त्रों में सूर्यास्त के बाद अर्ताथ शाम के समय में नमक और सुई किसी को देना गलत बताया गया है। कहते है ऐसा करने से उस व्यक्ति के जीवन में परेशानियां बढ़ जाती है और तरक्की के मार्ग रुक जाते है। ऐसे व्यक्ति को जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं व जानकारियों पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।)