Love Yog in Kundali: हर कोई चाहता है कि उसकी लव लाइफ अच्छी हो। उसे जीवन में अच्छा पार्टनर मिले और कभी रिश्ते में खटास न हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी जिंदगी में शुक्र ग्रह प्रेम और वैवाहिक जीवन की सफलता के लिए जिम्मेदार होते है। इसलिए आपको यदि समझना है कि आपका प्रेम जीवन कैसे सफल रहेगा, तो इसके लिए आपको कुंडली में शुक्र की स्तिथि को समझना होगा। चलिए कुछ पॉइंट्स के जरिये इस चीज को समझते है। 

वैवाहिक और प्रेम जीवन सुखद बनाने वाले शुभ योग

शुक्र बृहस्पति की युति : जब व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और गुरु युति करते है, तो यह शुभ योग होता है। इस योग के बनने पर जातक की जिंदगी में प्यार, खुशी और समृद्धि बढ़ने लगती है। इस युति के दौरान कुंडली में शुक्र और बृहस्पति एक-दूसरे के सामने होने चाहिए। इससे विवाह के योग भी बनते है। 

चंद्रमा मंगल की युति : जब व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मंगल की युति होती है, तो यह शुभ होती है। इसके चलते जातक की भावनात्मक और शारीरिक प्रकृति प्रभावित होती है। इस युति के दौरान कुंडली में चंद्रमा और मंगल एक ही भाव में होते है। इससे पार्टनर के बीच भावनात्मक और यौन संबंध गहरे होते है। 

पंचम भाव का प्रभाव : ज्योतिष के अनुसार कुंडली का पांचवां भाव रोमांस, प्रेम संबंधों और रचनात्मकता से संबंध रखता है। जब यह भाव मजबूत होता है तो सभी अनुकूल ग्रह इसमें स्तिथि होते है। कुंडली का यही पंचम भाव जातकों के प्रेम जीवन में सौभाग्य और सफलता लाने का काम करता है। 

सप्तम भाव का प्रभाव : ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सप्तम भाव साझेदारी और विवाह से संबंध रखता है। इस भाव के मजबूत होने की स्तिथि में सभी अनुकूल ग्रह यहां मौजूद होते है। ऐसा होने से जातकों का प्रेम रिश्ता सद्भाव, स्थिरता और लंबे समय तक चलने वाला बनता है। 

शुभ ग्रहों की अच्छी स्थिति : ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बृहस्पति, शुक्र या बुध जैसे शुभ ग्रह मजबूत और अच्छी स्थिति में होने चाहिए। ऐसा होने पर प्रेमी जातकों के जीवन में प्यार, समझ और अनुकूलता को बढ़ावा मिलता है।