Narsimha Jayanti 2024: सनातन धर्म में राक्षस राजा हिरण्यकश्यप और उसके विष्णु भक्त बेटे प्रहलाद की कथा काफी विख्यात है। कथा के मुताबिक हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे को देवपूजा से भ्रमित करने के कई जतन किये, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। इस स्तिथि में उसने उसे जान से मारने के भी तमाम प्रयास किये, लेकिन असफल रहा। अंत में भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का सर्वनाश किया और भक्त प्रहलाद की रक्षा की। 

नरसिंह अवतार को भगवान विष्णु का चौथा अवतार माना जाता है। कहते है नरसिंह भगवान का जन्म ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी दिति से हुआ था। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार उनके जन्म के अवसर पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। इसी दिन नरसिंह जयंती भी मनाई जाती है। जानते है धरती पर बुरी ताकतों के विनाश के लिए जन्मे भगवान नरसिंह जी की जयंती इस वर्ष कब मनाई जायेगी? और क्या हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन का महत्त्व। 

2024 में कब है नरसिंह जयंती ? 
(Kab hai Narsimha Jayanti 2024) 

वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 22 मई, 2024 को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए इस वर्ष नरसिंह जयंती 21 मई 2024 मंगलवार को मनाई जायेगी। 

नरसिंह जयंती पूजा शुभ मुहूर्त 
(Narsimha Puja Shubh Muhurt) 

भगवान नरसिंह जी की पूजा संध्या के समय की जाती है। आप 21 मई को उनकी जयंती के अवसर पर शाम 7 बजकर 9 मिनट तक पूजा कर सकते हैं। 

नरसिंह जयंती पूजा विधि
(Narsimha Puja Vidhi) 

नरसिंह जयंती के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें और फिर पूजा का संकल्प लेवें। अब पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और फिर एक चौकी पर नरसिंह जी की तस्वीर स्थापित करें। इसके पश्चात ईश्वर को फल, फूल, मिठाई, चंदन, केसर, कुमकुम चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक भी प्रज्ज्वलित करें। अब विधि विधान से पूजा कर नरसिंह जी को भोग लगाएं। इस दिन जरूरतमंदों को खाना खिलाएं और कपड़े दान करें। 

डिस्क्लेमर: यहां दी जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।