Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है। यह व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत आते है, पहला महीने के कृष्ण पक्ष की और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को। ज्योतिष के अनुसार प्रदोष काल भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती के मिलान का समय होता है। इस समय काल में भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा करने से साधकों को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि, इस व्रत को करने से साधकों के मन की सभी इच्छाएं भोलेनाथ की कृपा से पूरी होती है। चलिए जानते है प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त, मंत्र और इस दिन करने वाले कुछ उपाय।
प्रदोष दोष व्रत शुभ मुहूर्त
(Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 15 सितंबर 2024, रात 01 बजकर 42 मिनट पर होगी। इस दिन भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में की जायेगी। इस माह 15 सितंबर, रविवार को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। रविवार के दिन होने से इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहते है।
प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय
(Pradosh Vrat Ke Upay)
- - प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ के "ॐ नमः शिवाय:" और "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें। इससे मन को शांति मिलती है और शिव कृपा होती है।
- - प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करें। इससे भोलेनाथ शीघ्र भक्तों से प्रसन्न होते है।
- - प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते है। इससे उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
- - प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष व्रत की कथा सुनने से सभी पाप नष्ट होते है। इस खास दिन प्रदोष व्रत कथा को पढ़ना और सुनना चाहिए।
- - प्रदोष व्रत के दिन दान-धर्म करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इससे भोलेनाथ प्रसन्न होते है और भक्तों की पुण्य की प्राप्ति होती है।
- - प्रदोष व्रत की रात्रि में जागरण करके भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। रात्रि जागरण में शिव चालीसा का पाठ जरूर करें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।