Shani Effect on Kumbh Rashi: कर्मफलदाता शनिदेव अभी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान है। शनि के कुंभ में रहने से राशिचक्र की सभी राशियां किसी न किसी तरह से प्रभावित हो रही है। करीब 30 साल बाद शनिदेव अपनी राशि कुंभ में आये है, वे यहां कुंभ राशि में करीब ढाई साल रहेंगे। वे यहां से अगले साल 29 मार्च 2025 को विदाई लेंगे। शनि के कुंभ राशि से विदा होते ही सीधे तौर पर 5 राशियां अधिक प्रभावित होगी। चलिए जानते है उनके बारे में। 

शनि के कुंभ राशि से हटने पर ये 5 राशियां होंगी प्रभावित

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव के कुंभ राशि से हटने पर सीधे तौर पर 5 राशियां सबसे अधिक प्रभावित होंगी। ये राशियां है मीन, कुंभ, मेष, सिंह और धनु।  शनिदेव 29 मार्च 2025 को कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस गोचर से मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। वहीं मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती के तीसरे चरण की शुरुआत होगी। 

शनि के प्रस्थान से कुंभ राशि वालों को क्या मिलेगा? 

29 मार्च 2025 को जब शनिदेव स्वयं की राशि कुंभ छोड़ेंगे, तो कुंभ राशि के लोगों को क्या देकर जाएंगे? यह बड़ा सवाल है। इसका जवान ज्योतिष शास्त्र के अनुसार है कि, शनि के जाते ही कुंभ राशि के लोगों की मानसिक पीड़ा का अंत होगा। इन्हें समाज और कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। इसके अलावा  आत्मविश्वास में वृद्धि, निर्णय लेने की क्षमता में बढ़ोतरी और लंबे समय से रुके कार्यों में तेजी देखने को मिलेगी। यही नहीं भाई-बहन के रिश्ते सुधरेंगे। अविवाहित जातकों के विवाह योग निर्मित होंगे। साथ ही विवाहित जातकों की परेशानियों का अंत होगा। आमदनी बढ़ेगी और कानूनी मामले सुलझेंगे। 

शनि के कुंभ गोचर से अभी प्रभावित है ये राशियां

मौजूदा समय में शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान है। शनि के कुंभ गोचर से कुंभ के जातक तो परेशान है ही, बल्कि साथ में मकर व मीन राशियों पर भी शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसके अलावा कर्क व वृश्चिक राशि पर शनि ढैय्या अभी चल रही है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।