Supermoon 19 August 2024: खगोलीय विज्ञान के अनुसार चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी करीब 357,000 से 407,000 किलोमीटर तक है। चंद्रमा लगातार पृथ्वी की परिक्रमा करता है। चंद्रमा और सूर्य पृथ्वी से विपरीत दिशाओं में होते हैं, ऐसी स्थिति में पूर्णिमा होती है। कहते है जब चंद्रमा चक्कर लगाते-लगाते पृथ्वी के सबसे नजदीकी बिंदु पर आता है, तो सुपरमून बनता है। इस खगोलीय स्थिति में चंद्रमा पूरा, बेहद बड़ा और चमकीला दिखाई देने लगता है। 

सुपरमून साल में केवल तीन से चार बार दिखाई देता है। अगला सुपरमून 19 अगस्त 2024 सोमवार को दोपहर 2 बजकर 26 मिनट पर दिखाई देगा। यह साल 2024 का पहला सुपरमून भी होगा। खगोल विज्ञान के अनुसार इस साल लगातार अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में चार सुपरमून होने जा रहे है। 

सुपरमून से हटकर कैमरे में कैद करें ये 5 आकाशीय नज़ारे

- आप एक छोटी दूरबीन की मदद से सुपरमून से दूर शनि के छल्ले देख सकते है। साथ ही चंद्रमा के क्रेटर और बृहस्पति के बादल या ओरियन नेबुला को भी दूरबीन से अद्भुत नज़ारे के रूप में कैमरे में कैद किया जा सकता है। ये वाकई में आकर्षक होते है, जिन्हें देखने के लिए खगोलविद भी लालायित रहते है। 

- आकाश में दूरबीन या टेलीस्कोप की मदद से आप धूमकेतु देखें, जिन्हें देखना आपको रोमांचित कर देता है। धूमकेतु आंतरिक सौर मंडल में घूमता है और एक चमकदार रेखा निर्मित करता है। यह रेखा लाखों किलोमीटर लंबी होती है, जिसे धरती से भी देखा जा सकता है। यह नजारा अद्भुत होता है। 

- जब चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है तो पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है। ऐसी स्थिति में दिन का उजाला कुछ समय के लिए अंधेरे में परिवर्तित हो जाता है। इस आकाशीय नज़ारे को देखना भी अद्भुत होता है। इस तरह के दृश्य को कैमरे में कैद करने के लिए हजारों लोग दुनियाभर में यात्राएं करते है। 

- जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आता है, तो चंद्र ग्रहण होता है। यह नजारा कुछ वर्षों की अवधि में घर पर आसानी से देखा जा सकता है। खगोलविदों की मानें तो सबसे अच्छा चंद्र ग्रहण उस वक्त होता है, जब चंद्रमा गहरे लाल रंग का हो जाता है। इस दौरान उस तक एकमात्र प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से आता है।

-  खगोलशास्त्री माइकल ब्राउन कहते है कि, लोगों को खगोलीय नज़ारे देखने चाहिए। उन्हें ग्रहण के दौरान बाहर जाकर खगोलीय दृश्यों को दूरबीन से देखना चाहिए। सुपरमून पर समय बर्बाद करने से बेहतर है कि, जब चंद्रमा न हो तो ग्रहों, अरोरा, धूमकेतुओं और उल्कापात का आनंद उठाया जाए।