Guru Gochar 2025: देवगुरु बृहस्पति अगले साल 14 मई 2025 को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। फिलहाल गुरु वृषभ राशि में विराजमान है, लेकिन जैसे ही वो मिथुन राशि में जाएंगे, कई राशियों के लिए विनाशकारी परिणाम देंगे। जैसे ही वृषभ राशि को गुरु छोड़ेंगे तो वृषभ जातकों के अच्छे दिन शुरु हो जाएंगे। गुरु की इस चाल को अतिचारी चाल बोला जाएगा। अतिचारी चाल का अर्थ है कि, गुरु बहुत कम समय में उसी राशि में वक्री और मार्गी होने जा रहे हैं। 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, देवगुरु बृहस्पति वैवाहिक जीवन, संतान, विद्या के कारक ग्रह हैं। गुरु ग्रह की शुभ द्दष्टि जातकों के जीवन को सफल बना देती है। धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु की पंचम, सप्तम और नवम द्दष्टियां जातक को सफलताओं का दौर दिखा देती है। ज्योतिष के मुताबिक, गुरु अभी वृषभ राशि में गोचर कर रहे है, लेकिन 14 मई 2025 को वह मिथुन में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में वृषभ राशि के जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जानते है- 

वृषभ राशि पर गुरु का प्रभाव

साल 2025 में गुरु का गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए नौकरी और कारोबार में तरक्की के योग निर्मित करेगा। इन जातकों को पैतृक संपत्ति से लाभ की प्राप्ति होगी। साथ ही अकस्मात धनलाभ और कारोबार में मुनाफे की स्थिति बनी रहेगी। इसके अलावा वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होगी। 

देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि छोड़कर 11 नवंबर 2025 को कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे। यहां वक्री अवस्था में रहते हुए 4 दिसंबर 2025 को मिथुन राशि में एक बार फिर से प्रवेश करेंगे। वहीं 09 जून को देवगुरु बृहस्पति अस्त होंगे और फिर 9 जुलाई 2025 को उदय हो जाएंगे। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।