Bajaj Pulsar Flex-Fuel: बजाज ऑटो ने 2024 इंडिया बायो एनर्जी एंड टेक एक्सपो (IBET) में 100% इथेनॉल से चलने वाली पल्सर NS160 फ्लेक्स फ्यूल मोटरसाइकिल का प्रोटोटाइप पेश किया है। यह मोटरसाइकिल इथेनॉल पर आधारित फ्लेक्स फ्यूल तकनीक की ओर बढ़ते कदमों का हिस्सा है, जो भविष्य में पर्यावरण अनुकूल फ्यूल के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है।
100% इथेनॉल से चलने वाली पल्सर NS160
बजाज की यह मोटरसाइकिल E100 यानी 100% इथेनॉल पर चलने में सक्षम है, और इसे पेट्रोल के अलग-अलग मिश्रणों के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इथेनॉल फ्यूल के उपयोग के लिए मोटरसाइकिल के फ्यूल टैंक और डिलीवरी सिस्टम को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि यह जंग से सुरक्षित रहे। साथ ही, मोटरसाइकिल का ECU इस प्रकार से तैयार किया गया है कि यह इथेनॉल और पेट्रोल के मिश्रण को पहचानकर आवश्यक परिवर्तन कर सके।
बजाज ने इथेनॉल इंजन पर फोकस बढ़ाया
- बजाज ऑटो पहले से ही ब्राजील में E27 इथेनॉल पर चलने वाली मोटरसाइकिलें बेच रहा है। पल्सर NS160 फ्लेक्स फ्यूल मोटरसाइकिल में 160.3cc का सिंगल-सिलेंडर, 4-वाल्व, ऑयल-कूल्ड इंजन दिया गया है, जिसे 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया है।
- इथेनॉल फ्यूल देश में भविष्य में आंतरिक दहन इंजन वाली मोटरसाइकिलों के लिए एक संभावित ईंधन हो सकता है, और बजाज का यह कदम पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाने और ग्रीन फ्यूल की दिशा में भारत के कदम को और मजबूत करने का प्रयास है।
फ्लेक्स फ्यूल क्या है?
फ्लेक्स फ्यूल, गैसोलीन और इथेनॉल/मेथेनॉल के मिश्रण से बना होता है। इथेनॉल एक बायोफ्यूल है, जो अल्कोहल आधारित होता है और इसे नवीकरणीय स्रोतों जैसे स्विचग्रास, मक्का या गन्ने से प्राप्त किया जाता है। अमेरिका में इथेनॉल का सबसे सामान्य स्रोत मक्का है। इथेनॉल को पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करता है और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटाता है। गैसोलीन और इथेनॉल के मिश्रण को E85 कहा जाता है, जिसमें 85% इथेनॉल और 15% गैसोलीन होता है।
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल क्या हैं?
फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल सामान्य वाहनों की तरह ही होते हैं, लेकिन ये पर्यावरण के लिए अनुकूल होते हैं क्योंकि ये इथेनॉल और पेट्रोल के मिश्रण पर चलते हैं। इन्हें फ्लेक्स फ्यूल इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये एक निर्धारित सीमा में लचीले मिश्रण अनुपात पर चलते हैं, जैसे E10 (10% इथेनॉल और 90% गैसोलीन) से लेकर E85 (85% इथेनॉल और 15% गैसोलीन) तक। इसके अलावा, इथेनॉल को प्राप्त करने के स्रोत भी लचीले होते हैं।
(मंजू कुमारी)