Car Care Tips: नमी, बारिश और धूल के संपर्क में आने से वाहनों में जंग लगने की संभावना बढ़ जाती है, खासकर भारत जैसे देशों में, जहां मौसम की विविधता अधिक होती है। इस समस्या से बचने के लिए एंटी-रस्ट कोटिंग एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। यह कोटिंग आपके वाहन को जंग से सुरक्षित रखती है। आइए जानते हैं कि एंटी-रस्ट कोटिंग कितने प्रकार की होती है और इसकी प्रक्रिया क्या है?

एंटी-रस्ट कोटिंग के प्रकार
वाहनों पर मुख्य रूप से दो प्रकार की एंटी-रस्ट कोटिंग की जाती है:
* अंडरबॉडी एंटी-रस्ट कोटिंग– यह कोटिंग वाहन के निचले हिस्से पर लगाई जाती है, क्योंकि वहां नमी और गंदगी के कारण जंग लगने की संभावना अधिक होती है।
* बॉडी एंटी-रस्ट कोटिंग– यह कोटिंग वाहन के बाहरी हिस्सों, दरवाजों के अंदरूनी भागों और अन्य धातु के हिस्सों पर की जाती है। इसमें सिंथेटिक पेंट, इलेक्ट्रोस्टैटिक कोटिंग और गैल्वेनाइजेशन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

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एंटी-रस्ट कोटिंग की प्रक्रिया
1) उचित कोटिंग का चयन करें– सबसे पहले यह तय करें कि आपको केवल अंडरबॉडी कोटिंग, बॉडी कोटिंग या दोनों की आवश्यकता है। यदि आप तटीय क्षेत्रों में रहते हैं या अधिक बारिश वाले स्थानों पर वाहन चलाते हैं, तो दोनों कोटिंग करवाना बेहतर होगा।

2) सही वर्कशॉप का चयन करें- किसी विश्वसनीय ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर या अधिकृत डीलरशिप से कोटिंग करवाना सुनिश्चित करें। लोकल गैरेज भी यह सेवा प्रदान करते हैं, लेकिन गुणवत्ता की जांच आवश्यक है।

3) कोटिंग की प्रक्रिया को समझें– 
* सबसे पहले वाहन की अच्छी तरह सफाई और सुखाने की जरूरत होती है।
* मैकेनिक वाहन की जांच करता है कि कहीं पहले से जंग तो नहीं लगी है।
* इसके बाद एंटी-रस्ट मैटेरियल को ब्रश, स्प्रे या डिपिंग तकनीक से लगाया जाता है।

4) कोटिंग की गुणवत्ता जांचें– कोटिंग समान रूप से और पूरी सतह पर लगी होनी चाहिए। कोई भी भाग छूटना नहीं चाहिए और परत पर्याप्त मोटी होनी चाहिए।

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5) वारंटी प्राप्त करें– आमतौर पर एंटी-रस्ट कोटिंग की वारंटी 1 से 5 साल तक होती है। इसकी लागत लगभग 20,000 रुपये तक हो सकती है।

एंटी-रस्ट कोटिंग करवाकर आप अपने वाहन की उम्र बढ़ा सकते हैं और उसे मौसम के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रख सकते हैं।

(मंजू कुमारी)