देश में इलेक्ट्रिक बसों को लेकर कदम उठाने की शुरुआत होने लगी है। कर्नाटक सरकार नए साल 2023 में 1400 इलेक्ट्रिक बसें चलाएगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि अगले साल अप्रैल तक बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (BMTC) में 1,400 नई बसें शामिल की जाएंगी।
उन्होंने आगे कहा कि ये इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इससे राज्य में ग्रीन मोबिलिटी को सहारा मिलेगा और जीरो कार्बन एमिशन से पर्यावरण को भी राहत मिलेगी। उन्होंने पहले चरण में यहां विधान सौध में बीएमटीसी की 100 गैर-वातानुकूलित यानी एसी इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई।
राज्य में फ्री में बस सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति योजना शुरू होने के बाद से अब तक कर्नाटक की महिलाएं राज्य परिवहन की बसों में 120 करोड़ की मुफ्त यात्रा कर चुकी हैं। राज्य में 40 लाख लोग हर दिन BMTC की बसों में यात्रा करते हैं।
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया कदम
CM ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ावा देने और शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की गई हैं। सिद्धारमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा सेवा की आलोचना करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि जब वह सत्ता में थी तो उसने इस कल्याणकारी योजना को लागू क्यों नहीं किया। उन्होंने इस योजना के सकारात्मक परिणाम भी बताएं। उन्होंने कहा कि हमारी गारंटी के कारण, लोगों की क्रय शक्ति और राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही है। ये योजनाएं मजदूरों, किसानों और महिलाओं के लिए पैसा बचाने में बहुत मददगार होती हैं। उस पैसे का उपयोग वे अपने परिवार की अन्य जरूरतों के लिए करते हैं। इससे लाखों परिवारों की आर्थिक शक्ति भी बढ़ रही है।
3000 ड्राइवर्स को मिली ट्रेनिंग
सीएम सिद्धारमैया ने कहा- राज्य के करीब 4.30 करोड़ लोग सरकारी गारंटी योजनाओं से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। इससे गरीबों और मजदूर वर्गों को आर्थिक प्रगति की मुख्यधारा में लाया जा रहा है। BMTC ने कहा कि यात्रियों के लिए सुरक्षित परिवहन प्रणाली और चालकों को अधिक जागरूक बनाने के लिए 10 बसों में 'एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम' (ADAS) लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यातायात उल्लंघन और दुर्घटना को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए, सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के कड़ाई से पालन के वास्ते पुलिस विभाग के सहयोग से दिसंबर से 3,000 चालकों को ट्रैफिक कमांड और कंट्रोल सेंटर में प्रशिक्षित किया जा रहा है।