Ethanol Fuel Stations: शुक्रवार को पुणे में आयोजित एक चीनी सम्मेलन में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इथेनॉल स्टेशन खोलने की मेरी मांग को पेट्रोलियम मंत्री ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद इंडियन ऑयल ने देश में 300 इथेनॉल पंप शुरू करने का फैसला लिया है। आपको बता दें कि भारत, दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है। साथ ही यह अपने 2070 नेट- शून्य कार्बन लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए भी तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जापानी कार निर्माताओं की मांगों के बाद, भारत के व्यापार विभाग ने स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर शिफ्ट होने में मदद के लिए हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स को कम करने का समर्थन किया है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने गुजरात ग्लोबल समिट में कहा था कि वह भारत से पेट्रोल और डीजल को उसी तरह खदेड़ने के मिशन पर हैं जैसे "भारत छोड़ो" आंदोलन था।मंत्री जी ने कहा कि वायु प्रदूषण को रोकने और आयातित कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता कम करने के लिए स्वच्छ और वैकल्पिक ईंधन के उत्पादन और इस्तेमाल को बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा- मैं हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक और फ्लेक्स-फ्यूल कारों में सफर करता हूं ताकि वैकल्पिक ईंधन का प्रचार कर सकूं। जिस तरह हमने अंग्रेजों को भगाने के लिए 'भारत छोड़ो' आंदोलन चलाया था। उसी तरह मैं देश से पेट्रोल और डीजल को खदेड़ने के मिशन पर हूं।
गडकरी ने कहा- देश वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है और परिवहन क्षेत्र इसमें लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने कहा- अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कच्चा तेल आयात करने का भारी-भरकम बिल एक आर्थिक चुनौती है। हमें प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी ईंधन खोजने की जरूरत है जो कि किफायती भी हो।
पर्यावरण के अनुकूल है इथेनॉल
इथेनॉल को पर्यावरण के अनुकूल माना गया है। कहा गया है कि इससे देश में प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा। इससे गांव की इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी। जैसे-जैस इसका उपयोग बढ़ेगा, किसानों की आय में भी इजाफा होगा। इस तरह यह फ्यूल न केवल पर्यावरण के अनुकुल है बल्कि हमारे अन्नदाता के लिए भी फायदेमंद है। केंद्रीय यातायात और परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के अनुसार, इन वाहनों से रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं। यही नहीं गांव से लोग का शहरों में पलायन कम होगा। देश पर वर्तमान में तेल आयात का बोझ ज्यादा है, यह भी कम होगा। इससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा बचेगी।
किससे बनता है इथेनॉल
इथेनॉल एक तरह का जैव ईंधन है। इसका उत्पादन गेहूं, आलू, गन्ना आदि कृषि उत्पादों से होता है। देश में इथेनॉल का उत्पादन गन्ने के शीरे से तैयार होता है। हालांकि इसका उत्पादन कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण के रूप में होता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है। ऐसे में यहां पर इथेनॉल की भरपूर मात्रा तैयार हो सकती है।
इथेनॉल उत्पादन में सक्षम है भारत
देश में इथेनॉल उत्पादन की क्षमता 1244 करोड़ लीटर है। 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम में मक्का की फसल अहम भूमिका निभाएगी। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने इथेनॉल की आपूर्ति बढ़ाई है। इस आंकड़े के अनुसार, इथेनॉल आधारित ईंधन की खपत कई गुना बढ़ती जा रही है। इथेनॉल के उत्पादन की बात करें तो अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ (ईयू) और चीन के बाद भारत का नंबर चौथे स्थान पर सामने आता है। भारत को उत्पादन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आने वाली है। शक्कर उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश काफी मात्रा में गन्ना उगाते हैं।