Medicines Ban: केंद्र सरकार ने बुखार, दर्द, सर्दी और एलर्जी जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 156 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इन दवाओं में दो या दो से अधिक सक्रिय तत्वों का निश्चित अनुपात में कॉम्बिनेशन होता है, जिन्हें "कॉकटेल" दवाओं के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि 2016 में भी सरकार ने 344 FDC दवाओं पर रोक लगाई थी, जिनके इस्तेमाल के साइंटिफिक एविडेंस नहीं थे।

पेरासिटामोल 125mg टैबलेट समेत इन दवाओं पर रोक

  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 अगस्त को जारी एक गजट नोटिफिकेशन में बताया कि इन दवाओं का उपयोग इंसानों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। प्रतिबंधित दवाओं की सूची में 'एसिक्लोफेनाक 50mg पेरासिटामोल 125mg टैबलेट' शामिल है, जो दर्द निवारक के रूप में काफी लोकप्रिय थी।
  • इसके अलावा 'मेफेनामिक एसिड पेरासिटामोल इंजेक्शन', 'सेटिरिज़िन HCl पेरासिटामोल फेनिलएफ्रिन HCl', 'लेवोसेटिरिज़िन फेनिलएफ्रिन HCl पेरासिटामोल', 'पेरासिटामोल क्लोरफेनिरामाइन मेलीएट फेनिल प्रोपानोल अमाइन', और 'कैमायलोफिन डाइहाइड्रोक्लोराइड 25mg पेरासिटामोल 300mg' जैसी दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने पेरासिटामोल, ट्रामाडोल, टॉरीन और कैफीन के संयोजन वाली दवाओं पर भी प्रतिबंध लगाया है, जिनमें ट्रामाडोल एक ओपिओइड-आधारित दर्द निवारक दवा है।

एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों पर लिया गया फैसला
नोटिफिकेशन में बताया गया कि केंद्र सरकार ने एक एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला लिया, जिसने इन दवाओं को "अतार्किक" करार दिया। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) ने भी इन FDC दवाओं को इलाज के लिए उपयोगी नहीं माना था और इन्हें इंसानों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण बताया। DTAB की सिफारिशों के बाद सरकार ने कहा कि सार्वजनिक हित में इन दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। 

गौरतलब है कि 2016 में भी केंद्र सरकार ने 344 FDC दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था, जिनके इस्तेमाल को लेकर वैज्ञानिक प्रमाण नहीं थे। हाल ही में प्रतिबंधित की गई कई दवाएं उन्हीं 344 FDC दवाओं में शामिल थीं।