Unified Pension Scheme: मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार (24 अगस्त) को केंद्रीय कैबिनेट ने नई स्कीम को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना से करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी लाभान्वित होंगे। बता दें कि देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
1 अप्रैल 2025 से लागू होगी यूपीएस, जानें क्या प्रावधान?
- केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस योजना के तहत कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी का कोई योगदान नहीं करना होगा। सरकार खुद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 18.5% योगदान करेगी, जबकि मौजूदा न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारियों को 10% योगदान देना होता है और सरकार 14% योगदान देती है।
- यूपीएस के अंतर्गत केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में सुनिश्चित करने का फैसला लिया है। नई योजना के मुताबिक, सरकारी कर्मचारी 25 साल की मिनिमम सर्विस के लिए रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर पाने के हकदार होंगे।
- निश्चित फैमिली पेंशन के लिए किसी कर्मचारी की पेंशन का 60 फीसदी उसके निधन से पहले तुरंत निकाला जा सकता है। न्यूनतम पेंशन के मामले में सरकारी कर्मचारी कम से कम 10 साल की सर्विस के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपए प्रति माह पेंशन के लिए पात्र होंगे।
केंद्रीय कर्मचारियों के नेताओं के साथ पीएम की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के नेताओं के साथ बैठक की, जो इस मुद्दे पर पहली बार आयोजित की गई है। बैठक के दौरान ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS), और 8वें वेतन आयोग पर चर्चा की गई। यह बैठक जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आयोजित की गई थी। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए NPS में सुधार की बात कही थी, जबकि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया था कि सरकार OPS बहाली पर कोई विचार नहीं कर रही है।
विज्ञान धारा और BioE3 पॉलिसी को भी हरी झंडी
- इसके अलावा कैबिनेट ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की तीन योजनाओं को मिलाकर एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना 'विज्ञान धारा' को भी मंजूरी दी है। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए 2021-22 से 2025-26 की 15वीं वित्त आयोग अवधि के दौरान 10,579.84 करोड़ रुपये का प्रस्तावित खर्च रखा गया है।
- सरकार ने 'BioE3 (बायोटेक्नोलॉजी फॉर इकोनॉमी, एनवायरनमेंट एंड एम्प्लॉयमेंट) पॉलिसी' को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य उच्च प्रदर्शन वाली बायोमैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देना है। इस नीति के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार-संचालित अनुसंधान और विकास तथा उद्यमशीलता को समर्थन दिया जाएगा।