Budget Discussion: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष द्वारा संसद में कई दिनों से बजट 2024 पर हो रहे हमलों को लेकर सरकार का पक्ष रखा। सीतारमण मंगलवार को विपक्ष के सवालों का मजबूती से जवाब देने के लिए पूरी तैयारी के साथ आई थीं। विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि बजट में धनराशि 2 एनडीए सहयोगियों बिहार और आंध्र प्रदेश को दी गई है। जबकि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में दूसरे राज्यों का नाम तक नहीं लिया। पिछले दिनों 10 मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करते हुए केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया था।
3 बजट का जिक्र कर यूपीए शासन पर सवाल उठाए
दूसरी ओर कई दिनों से वित्त मंत्री यह बता रही हैं कि बजट भाषण में केवल मुख्य बिंदु शामिल थे और सभी राज्यों को उनका हिस्सा मिला है। आज लोकसभा में उन्होंने इसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए यूपीए युग के बजट भाषणों का पोस्टमॉर्टम किया। बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा- "मैं 2004-05 से बजट उठा रही हूं। 2004-05 के बजट भाषण में 17 राज्यों का नाम नहीं लिया गया। 2006-07 में 16 राज्यों का नाम नहीं लिया गया... 2009 में बिहार और यूपी समेत 26 राज्यों का नाम नहीं लिया गया। मैं तत्कालीन यूपीए सरकार के जिम्मेदारों से पूछना चाहती हूं कि क्या उन राज्यों को पैसा नहीं गया।"
विपक्ष के भ्रामक कैंपेन से दुखी हूं: वित्त मंत्री
सीतारमण ने आगे कहा- "मैं विनम्रता से कहना चाहती हूं कि सभी सदस्यों को पता है कि अगर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें पैसा नहीं मिला। यह एक भ्रामक कैंपेन है। मुझे यह जानकर बेहद दुख है कि वे (विपक्ष) कह रहा है कि अगर आपने किसी राज्य का नाम नहीं लिया, तो उसे कुछ नहीं मिला। ऐसा कर अगर आप भ्रम फैलाना चाहते हैं, भय पैदा करना चाहते हैं तो आप डेटा को तोड़-मरोड़कर पेश कर सकते हैं। पिछले कुछ सालों में हमारे मंत्री हर राज्य में जाकर समझाते हैं कि राज्यों को कितनी मदद दी गई है।
सीतारमण बोलीं- कृषि बजट में 10 साल में 5 गुना वृद्धि
- वित्त मंत्री ने समाजिक क्षेत्र और कल्याण योजनाओं को नजरअंदाज करने के आरोपों पर जवाब देने के लिए इस साल और पिछले साल के आंकड़ों की विस्तार से जानकारी भी पढ़ी। विपक्ष खासतौर से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह आरोप लगाया है कि किसानों, छोटे कारोबारियों और एमएसएमई के लिए बजट में कुछ नहीं है।
- सीतारमण ने सदन को बताया कि कृषि और किसानों के कल्याण विभाग के लिए बजट आवंटन 2013-2014 में सिर्फ 21,934 करोड़ रुपए था। हालांकि, 2024-2025 में यह पांच गुना बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपए हो गया। सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
- पीएम किसान योजना की शुरुआत के बाद से अब तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 3.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक आर्थिक मदद उनके खातों में भेजी गई है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बजट पर बोलते हुए सरकार पर जोरदार हमला किया। पेपर लीक और जाति जनगणना जैसे मुद्दों से शुरू करते हुए बजट के खामियों को उजागर किया।