Gold-Silver Return: दशहरे के बाद शुरू हुए फेस्टिव सीजन में कीमती धातुओं- सोने और चांदी की मांग में भारी इजाफा हुआ है। दिवाली और धनतेरस से पहले इनकी मांग और बढ़ गई। चांदी के बढ़ती कीमतों ने निवेशकों को चौंका दिया है। गोल्ड Gold Rate) के साथ चांदी का भाव भी रॉकेट बन चुका है। 24 कैरेट गोल्ड ने 27 अक्टूबर को पहली बार 80 हजार प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर लिया। दूसरी ओर, इसी हफ्ते सिल्वर ने भी 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम से आगे निकलने हुए 1,04,000 रुपए का ऑलटाइम हाई बनाया।

घरेलु बाजारों में सोने-चांदी की मांग बढ़ने से दोनों की कीमतें अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची हैं। इसबीच, देश के मशहूर उद्योगपति और वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने सोशल मीडिया में सिल्वर रेट्स और इसकी डिमांड को लेकर बड़ा खुलासा किया है।

सालभर में किसने-कितना रिटर्न दिया
अगर गोल्ड-सिल्वर के मौजूदा भाव और पिछले साल अक्टूबर के प्राइस की तुलना करें तो पता चलता है कि ग्राहकों को मुनाफा देने में चांदी आगे निकल गई। सिल्वर ने प्रति किलोग्राम 45% से अधिक रिटर्न दिया, जो कि गोल्ड के 30% रिटर्न से 15 फीसदी अधिक है। इस तरह से सिल्वर कमाई के पैमाने पर सोने से ज्यादा खरी उतरी है।           

गोल्ड प्राइस  25 अक्टूबर 2023 24 अक्टूबर 2024 अंतर रिटर्न
सोना (24 कैरेट, प्रति 10 ग्राम) 61,840 रु. 80,290 रु. 18,450 रु.

30% के करीब

चांदी (प्रति किलोग्राम) 71,629 रु. 1,04,000 रु. 32,371 रु. 45% से ज्यादा


जनवरी में सिल्वर ने बनाया नया रिकॉर्ड
बता दें कि साल की शुरुआत में 1 जनवरी 2024 को MCX पर चांदी का भाव (Silver Rate) 79,417 रुपए प्रति किलो था, जो अब 98,150 रुपए प्रति किलो पर पहुंच चुका है। पिछले 10 महीने में चांदी कीमतों में करीब 18,500 रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है।

वेदांता ग्रुप के चेयरमैन ने बताया क्यों बढ़ी चांदी की मांग?

  • अनिल अग्रवाल के मुताबिक, चांदी निकट भविष्य में सोने से ज्यादा कीमती हो सकती है? देश में चांदी पहले ही 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के पार पहुंच चुकी हैं। पिछले साल की तुलना में इसकी मांग भी दोगुनी हो गई। चांदी की मांग न केवल पारंपरिक उपयोगों के कारण बढ़ रही है, बल्कि इसके भारी इंडस्ट्रीयल यूज ने भी इसे तेजी से मूल्यवान बना दिया है।
  • आज चांदी का उपयोग बड़े पैमाने पर सौर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एडवांस हेल्थ केयर सर्विस, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई अन्य तकनीकों में किया जा रहा है। इसी कारण सिल्वर की डिमांड आपूर्ति के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। चांदी अब भविष्य की एक महत्वपूर्ण धातु बनती जा रही है।