University Professor Recruitment 2024 Rule :  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रोफेसरों की भर्ती के लिए योग्यता मानकों में बदलाव करने की योजना बनाई है। मौजूदा नियमों में कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि नए मानक और क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। 

जानें क्या होंगे बदलाव
अब तक UGC के नियम के अनुसार, किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज में शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवार को एक ही विषय में ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए। यानी, किसी भी अन्य विषय से ग्रेजुएट या पोस्टग्रैजुएट होने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए योग्य नहीं माना जाता था।

नई बदलावों के तहत, यदि कोई उम्मीदवार अलग-अलग विषयों में यूजी, पीजी और पीएचडी कर चुका है, तो उसे भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अधिकार मिलेगा। इससे उन उम्मीदवारों को फायदा होगा, जिन्होंने विभिन्न विषयों में अपनी पढ़ाई की है, लेकिन किसी एक विशेष क्षेत्र में प्रोफेसर बनने के लिए उन्हें पहले अयोग्य माना जाता था।

पात्रता परीक्षा में बदलाव:
इसके साथ ही पात्रता परीक्षा (जैसे UGC NET) के मानकों में भी बदलाव किए जा रहे हैं। नए नियमों के अनुसार, परीक्षा में अब स्टार्टअप, आइडिया, पेटेंट और उद्यमिता जैसे मानकों को शामिल किया जाएगा। यह पहल नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। यदि कोई उम्मीदवार इन क्षेत्रों में अपनी कड़ी मेहनत और विकास दिखाता है, तो उसे बेहतर अंक मिल सकते हैं, जिससे उसे शिक्षक बनने में मदद मिल सकती है।

नए विषयों के साथ UGC NET एग्जाम
UGC NET परीक्षा में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। दिसंबर 2024 के सत्र से आयुर्वेद जीवविज्ञान को एक नया विषय जोड़ा गया है, जिसके साथ अब कुल 84 विषयों के लिए NET परीक्षा आयोजित होगी। पहले केवल 83 विषय थे, लेकिन अब एक नया और अहम विषय जुड़ने से इस क्षेत्र में शिक्षा लेने और teaching के लिए एक नया अवसर मिलेगा।

इस बदलाव से आयुर्वेद और जीवविज्ञान में अपनी शिक्षा पूरी करने वाले उम्मीदवारों को एक नया प्लेटफॉर्म मिलेगा, जहां वे अपना ज्ञान और कौशल साझा कर सकते हैं। UGC ने इस विषय से संबंधित नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है और दिसंबर सेशन के लिए भी अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।