भोपाल : हाल ही फ्रांस की म्यूजिशियन माया कामती भोपाल आईं है साथ ही भारत भवन में बांस के फूलों से तैयार आर्गेनिक इंस्ट्रूमेंट पर परफॉर्म करेंगी। वहीं उन्होंने बताया कि मेरे पिता तमिलनाडु के हैं और मेरी मां रियूनियन द्वीप की है, इस द्वीप पर फ्रांस का अधिकार है जबकि यह अफ्रीका महाद्वीप के पास हिंद महासागर में स्थित है, इसलिए मैं इंडियन कल्चर और इंडियन म्यूजिक से काफी इंस्पायरड हूं और मुझे इंडियन म्यूजिशियन में रवि शंकर एवं बप्पी लहरी काफी पसंद है और उनके म्यूजिक को सुनकर मुझे काफी रिलेक्स मिलता है और मेरे म्यूजिक में आपको महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की झलक नजर आएगी, क्योंकि मुझे लगता है कि हमारे क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने की जरुरत है यह कहना है पॉप म्यूजिशियन माया कमाति का, जो ‘इंट्रोडक्शन टू द ट्रेडिशनल म्यूजिक ऑफ रीयूनियन’ प्रोग्राम में अपनी प्रस्तुति देने भोपाल आईं और हरिभूमि से बातचीत में उन्होंने अपने जीवन से जुड़े पहलुओं पर चर्चा की।
मेरे गीतों में दिखती है अफ्रीकन कॉन्टिनेंट की झलक
माया ने कहा कि भले ही री यूनियन द्वीप फ्रांस के जस्ट ऑपोजिट हिंद महासागर में है लेकिन इस पर फ्रांस का अधिकार है इसलिए हम लोग फ्रेंच भाषा, फ्रेंच कल्चर के काफी निकट स्वयं को मानते हैं, लेकिन मेरे गीतों में अफ्रीकन कॉन्टिनेंट की झलक भी नजर आएगी, जिसमें मेरे कॉस्ट्यूम में अफ्रिकन महाद्वीप की भांति यूनिकनेस दिखेगी तो वहीं मेरे साथ काम करने वाले आर्टिस्ट भी अफ्रीकन है।
बांस के फूलों से तैयार आर्गेनिक इंस्ट्रयूमेंट
उन्होंने कहा कि कल भारत भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सोलो परफॉर्मेंस दूंगी और जिसमें मैं ऑर्गेनिक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को प्ले करूंगी और मेरी म्यूजिक कंसर्ट की यही स्टाइल है इसीलिए मेरे फैंस मुझे इसी रूप में पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि आर्गेनिक इंस्ट्रयूमेंट बांस के फूलों से तैयार किया जाता है और इसके प्ले होने से लगता है कि एक साथ कई म्यूजिक प्ले हो रहे हैं। जो इस इंस्ट्रीयूमेंट की खासियत है।
भोपाल की ग्रीनरी, लेक्स मुझे काफी खूबसूरत लगी
माया कहती है कि मैं भोपाल पहली बार आ रही हूं लेकिन भारत में मैं अपना यह कंसर्ट पांच स्थानों पर दूंगी, जिसमें अहमदाबाद, कोलकाता सहित देश के चुनिंदा शहर शामिल है, लेकिन भोपाल में मैं पहली बार आई हूं और यहां की ग्रीनरी, लेक्स मुझे काफी खूबसूरत लगी।
पिता का भारत से रिश्ता होने की वजह से मेरा नाम माया पड़ा
रीयूनियन द्वीप की क्रियोल मुख्य भाषा है और इसकी क्रियोल संगीत भाषा मैलोया में भी मैंने अपने गीत गाए हैं। इसी भाषा में मार्च माह में मेरी एल्बम सोवाज आने वाला है। हमारी पांच पीढ़ियां री यूनियन पर रहीं लेकिन पिता का भारत से रिश्ता होने की वजह से मेरा नाम माया पड़ा।