ED Action On Raj Kundra: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा पर बड़ी कार्रवाई की है। बिटकॉइन पोंजी घोटाले से जुड़ी जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने राज कुंद्रा की 97.79 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उनमें जुहू का फ्लैट भी शामिल है। यह प्लैट में शिल्पा शेट्टी के नाम पर है।
क्या-क्या जब्त हुआ?
ईडी ने यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्र्रिंग एक्ट 2022 के तहत की है। जब्त संपत्तियों में जुहू का एक फ्लैट, पुणे में एक आवासीय बंगला और राज कुंद्रा के स्वामित्व वाले इक्विटी शेयर शामिल हैं। ईडी ने दिल्ली और महाराष्ट्र पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी।
इनके खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
ईडी ने वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड, दिवंगत अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र और दिल्ली में पुलिस ने शिकायतों के आधार पर केस दर्ज किया था। इसी एफआईआर को ईडी ने आधार बनाकर जांच शुरू की।
जांच में पाया गया आरोपियों ने बिटकॉइन निवेश के माध्यम से 10% मासिक रिटर्न का वादा किया और निवेशकों को धोखा देकर 2017 में बिटकॉइन में लगभग 6,600 करोड़ रुपये जुटाए। यह एक तरह की पोंजी स्कीम थी।
जांच के दौरान एजेंसी को पता चला कि राज कुंद्रा को 'गेन बिटकॉइन' पोंजी स्कीम के मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन मिले थे। ये बिटकॉइन यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फार्म स्थापित करने के लिए मिले थे। हालांकि, सौदा सफल नहीं हुआ। जिससे कुंद्रा के पास बिटकॉइन रह गए। जिनकी कीमत वर्तमान में 150 करोड़ से अधिक है।
2021 में अडल्ट मूवी बनाने में हुए थे गिरफ्तार
राज कुंद्रा पहले भी विवादों में रहे हैं। 2021 में 'हॉटशॉट्स' नाम के ऐप के जरिए वे अडल्ट फिल्में अपने ग्राहकों तक डिस्ट्रीब्यूट करते थे। जब मामला सामने आया तो अडल्ट फिल्मों के निर्माण और वितरण से जुड़े मामले में उन्हें 19 जुलाई 2021 को गिरफ्तार किया गया। उस मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
क्या होती है पोंजी स्कीम?
पोंजी स्कीम एक तरह का धोखा है। इसमें निवेशकों को कम या बिना किसी जोखिम के भारी मुनाफा देने का वादा किया जाता है। लेकिन पैसा निवेश नहीं किया जाता है।बजाय इसके ठग अधिक से अधिक लोगों को अपने झांसे में लेने का प्रयास करते हैं। इस तरह नए निवेशकों के फंड से शुरुआती निवेशकों को कुछ मुनाफा दिया जाता है, ताकि धोखाधड़ी का पता न चल सके।