Swara vs Kananga: मशहूर अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत के साथ खोई हुई दोस्ती पर खुलकर अपनी राय रखी। स्वरा और कंगना ने तनु वेड्स मनु और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में साथ काम किया था। लेकिन इसके तुरंत बाद उनके वैचारिक मतभेदों के कारण रिश्तों में खटास आ गई। दोनों अक्सर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ मुखर रहती हैं।

मैंने राजनीति नहीं, नैतिकता के कारण दोस्त खोए: स्वरा

  • एक इंटरव्यू में स्वरा ने कहा कि कभी-कभी कुछ लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण रहना भी बहुत मुश्किल होता है, लेकिन चलता है। लोग कहते हैं कि राजनीति की वजह से आप दोस्त खो देते हैं। लेकिन मैंने एक दिन एक मीम देखा, जिसमें मैंने देखा कि मैंने राजनीति के चलते दोस्त नहीं खोए, मैंने नैतिकता के कारण दोस्त खोए और मुझे वो बहुत पसंद आया। 
  • उन्होंने आगे कहा कि क्योंकि आपकी राजनीति आपकी नैतिकता और सिद्धांतों को पेश करती है। अगर मैं आपकी नैतिक मूल्यों का सम्मान नहीं करती, तो हम दोस्त कैसे रह सकते हैं? स्वरा ने सरल शब्दों में कहा कि ऐसे मामलों में दिखावा करने से बेहतर है कि दूर ही रहा जाए। अगर आप हत्या को उचित ठहरा सकते हैं और उसका जश्न मना सकते हैं, तो मैं आपसे दोस्ती नहीं कर सकती, इतनी सरल बात है। 

भारत में कितने लोग मारे गए, कंगना तो...?
इंटरव्यू में स्वरा ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कंगना रनौत के थप्पड़ कांड को लेकर भी राय रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी समझदार यही कहेगा कि कंगना के साथ गलत हुआ था। कंगना को अभी-अभी थप्पड़ पड़ा है और ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन कम से कम वह जिंदा है और उसकी सिक्योरिटी उसके आसपास है। भारत में कई लोगों की जान गई है, जिन्हें पीट-पीट कर मार डाला गया, ट्रेन में सुरक्षाकर्मियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई, दंगों में सुरक्षाकर्मियों को लोगों की पिटाई करते हुए रिकॉर्ड किया गया। जो लोग इन हरकतों को सही ठहरा रहे हैं। वो फिर आकर कंगना के मामले में हमें मत सिखाओ।

कंगना और स्वरा के बीच कैसे शुरू हुआ विवाद?
बता दें कि कंगना और स्वरा के बीच टकराव तब शुरू हुआ, जब क्वीन एक्ट्रेस ने स्वरा और तापसी पन्नू को "बी-ग्रेड एक्ट्रेस" कह दिया था। इसके बाद द बॉम्बे जर्नी से बातचीत में स्वरा ने कहा, ''मुझे बस ऐसा लगा कि कंगना का मुझे और तापसी को बी-ग्रेड एक्ट्रेस कहना बोलने का निमंत्रण था, तो हमें भी कुछ बात करनी चाहिए। यह लोकतंत्र है और सभी को बोलने का अधिकार है। मेरा तर्क सिर्फ इतना है कि आप बोल रहे हैं तो मैं भी बोलूंगी। मैं भी राय साझा करूंगा।