Yogasana For Digestion: कमजोर डाइजेशन पूरे शरीर की हेल्थ को प्रभावित करता है। हमारे आसपास बहुत से लोग पेट संबंधी परेशानियों से जूझते मिलेंगे। जिन लोगों का डाइजेशन सिस्टम वीक होता है वे थोड़ा भी खा लें तो उन्हें कब्ज, अपच, गैस, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं होने लगती हैं। पेट की समस्याओं को दूर करने में कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास असरदार हो सकता है, बशर्ते इसे किसी योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में किया जाए। 

योगासन हमें स्वस्थ्य रहने और बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं। आप अगर पाचन से जुड़ी परेशानियों का सामना करते हैं तो कुछ योगासन आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। 

पाचन सुधारेंगे 4 योगासन

मार्जरी आसन (बिल्ली-गाय का आसन): यह आसन रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों को मसाज़ देता है, जिससे पाचन में सुधार होता है। इसका नियमित अभ्यास अन्य बीमारियों मे भी लाभकारी होता है।

करने की विधि
चारों हाथों और घुटनों के बल ज़मीन पर आएं।
सांस छोड़ते हुए, रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाएं, सिर को नीचे करें और छाती को अंदर दबाएं (बिल्ली की मुद्रा)।
सांस लेते हुए, रीढ़ की हड्डी को नीचे करें, सिर को ऊपर उठाएं और छाती को बाहर निकालें (गाय की मुद्रा)।
10-15 बार दोहराएं।

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भुजंगासन (कोबरा पोज़):  भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है। यह आसन पेट के लिए बेहद लाभकारी है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। इस आसन से पाचन अंग उत्तेजित होते हैं।

करने की विधि
पेट के बल लेट जाएं, पैरों को सीधा रखें और माथे को ज़मीन पर रखें।
हथेलियों को कंधों के नीचे ज़मीन पर रखें।
सांस लेते हुए, धीरे-धीरे छाती को ऊपर उठाएं, कूल्हों को ज़मीन पर दबाएं।
कुछ देर रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे आएं।
10-15 बार दोहराएं।

अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड-फेसिंग डॉग पोज़): आप अगर कमजोर पाचन से परेशान हैं तो अधोमुख श्वानासन भी कर सकते हैं। यह आसन पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।

करने की विधि
चारों हाथों और घुटनों के बल ज़मीन पर आएं।
सांस छोड़ते हुए, कूल्हों को पीछे की ओर उठाएं और पैरों को सीधा करते हुए, शरीर को एक उल्टे V के आकार में लाएं।
एड़ियों को ज़मीन पर लाने का प्रयास करें, या जितना हो सके उतना ऊपर उठाएं।
कुछ देर रुकें, फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए नीचे आएं।
10-15 बार दोहराएं।

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अर्ध मत्स्येन्द्रासन (हाफ लॉर्ड ऑफ द फिश पोज़): यह आसन रीढ़ की हड्डी को घुमाता है और पाचन अंगों को मसाज़ करता है। इससे डाइजेशन सिस्टम में सुधार आने में मदद मिलती है।

करने की विधि
ज़मीन पर बैठ जाएं, दाहिना पैर सीधा रखें और बाएं पैर को दाहिने घुटने के पास मोड़ लें।
बाएं पैर के तलवे को दाहिनी जांघ के अंदर रखें।
दाहिने हाथ को बाएं घुटने के पीछे और बाएं हाथ को रीढ़ की हड्डी के पीछे ज़मीन पर रखें।
सांस लेते हुए, रीढ़ की हड्डी को दाईं ओर घुमाएं, दाहिने कंधे को बाएं घुटने की ओर लाने का प्रयास करें।
कुछ देर रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे शुरुआती स्थिति में आ जाएं।
दूसरी तरफ से दोहराएं।
10-15 बार प्रत्येक तरफ दोहराएं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)