Cough Cold Remedies: मौसम में जब भी बदलाव होना शुरू होता है तो सर्दी, खांसी और बुखार जैसी परेशानियां सामने आने लगती हैं। सीजन चेंज होने का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर दिखाई देता है, हालांकि बड़े भी अक्सर इस संक्रमण काल की चपेट में आ जाते हैं। छाती में कफ ज्यादा होने पर खांसी भी शुरू हो जाती है। अगर इस परेशानी को समय पर नहीं कंट्रोल किया जाए तो खांस-खांसकर बुरा हाल हो सकता है। ज्यादा खांसने से छाती और दिमाग पर भी काफी असर पड़ता है।
वसंत पंचमी के बाद मौसम में बदलाव होना शुरू होने लगता है और इसी के साथ सर्दी-खांसी का रिस्क भी बढ़ जाता है। आप अगर सर्दी, खांसी से जूझ रहे हैं तो किचन के कुछ मसाले काफी असरदार हो सकते हैं।
किचन के 5 मसाले दूर करें खांसी
लौंग - लौंग का इस्तेमाल गरम मसाले के साथ ही पान और मुखशुद्धि की चीजों में भी किया जाता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं जो कि सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसे खाने से सर्दी, खराश और खांसी दूर करने में मदद मिलती है।
इलायची - इलायची की चाय की चुस्की तो आपने कई बार ली होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सर्दी-खांसी में भी इलायची लाभकारी हो सकती है। हरी और काली इलायची में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन सर्दी-खांसी से राहत दिला सकता है।
जीरा - किचन में अनिवार्य मसाले में शामिल जीरा एंटी ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरा हुआ है। जीरा खाने से पाचन में सुधार होने के साथ ही सर्दी और खांसी में भी आराम मिलता है।
काली मिर्च - सर्दी और खांसी होने पर काली मिर्च के दानों को चूसना एक बेहद पारंपरिक घरेलू नुस्खा है। काली मिर्च में पाए जाने वाले कंपाउंड सर्दी-खांसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। ऐसे में इसका सेवन लाभकारी हो सकता है।
दालचीनी - किचन का मसाला दालचीनी औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें मौजूद पोषक तत्व डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ वजन घटाने में भी मददगार है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर दालचीनी बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में असरदार होती है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)