Parenting Tips: एक्ज़ाम के दिन जैसे-जैसे नज़दीक आने लगे हैं, कई मां-बाप की टेंशन बढ़ गई है। बच्चे को पढ़ाने में बैठाने में नाकाम पैरेंट्स हैरान परेशान होने लगे हैं। कम उम्र के बच्चों को पढ़ाने के लिए मानसिक तौर पर तैयार करना एक बेहद चुनौतीभरा काम होता है। उस पर अगर परीक्षाएं सिर पर हो तो किसी भी पैरेंट्स का तनाव में आ जाना लाजिमी है।
आपका बच्चा अगर पढ़ाई से जी चुराता है और पढ़ने के नाम पर बहाना बनाने लगता है तो कुछ टिप्स आपके काफी काम आ सकते हैं। इन तरीकों को अपनाकर आप अपने बच्चे में कुछ वक्त में ही अंतर देख सकेंगे।
बच्चों के लिए करें ये 5 काम
बच्चे की कोशिश की करें तारीफ - आपका बच्चा अगर थोड़ी भी देर पढ़ने बैठे तो उसकी तारीफ करें। उसे ये एहसास कराएं कि उसके पढ़ने से सभी लोग काफी खुश होते हैं। उसके छोटे-छोटे एफर्ट की खुले दिल से प्रशंसा करें। उसे डांटने के बजाय समझाएं और उसका होमवर्क करने में सहयोग करें।
योग एवं कसरत - ज्यादातर बच्चों का पढ़ाई करते वक्त ध्यान नहीं रहता है। बच्चे की एकाग्रता बढ़ाने के लिए उसे नियमित कसरत करवाएं और योग सिखाएं। इससे उसे पढ़ाई के दौरान अपनी एकाग्रचित्तता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
दूसरे बच्चे से न करें तुलना - कई मां-बाप की आदत होती है कि वे अपने बच्चे की तुलना दूसरे के बच्चे से करने लगते हैं। इससे बच्चा मायूस हो सकता है। इसके साथ ही उसमें तनाव भी पैदा होना शुरू हो सकता है। इसीलिए बच्चे का सामने इस तरह की भूल करने से बचें।
पिटाई कर न पढ़ाएं - ज्यादातर घरों में बच्चे को पढ़ाने के लिए उसकी पिटाई की जाती है। पिटाई के डर से बच्चा पढ़ने तो बैठ जाता है, लेकिन इससे उसका मन नहीं लगता और वो सीखता कुछ नहीं हैं। कई बच्चों का पिटाई की वजह से पढ़ाई करने का मन पूरी तरह से उठ जाता है। बच्चे जिद्दी भी हो सकते हैं, इसीलिए बच्चे को पीटकर पढ़ाने बैठाने के बजाय पढ़ाई का माहौल क्रिएट करें।
दूसरे बच्चों के साथ स्टडी कराएं - कई बच्चे अकेले में पढ़ना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन अगर उनका भाई-बहन या फिर कोई दोस्त साथ में पढ़ाई करे तो वे दिल लगाकर पढ़ाई करते हैं। उनके मन में अपने भाई-बहन या दोस्त से ज्यादा सीखने की ललक पैदा हो जाती है। इससे उनका पढ़ाई में मन लगने लगता है।