Yogasana For Brain: भारतीय संस्कृति में योगासन का अभ्यास हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। इसके बड़े फायदों की वजह से आज भी योगासन पूरी तरह से प्रासंगिक है। शरीर की लगभग सभी बीमारियों का इलाज योगासन में छिपा हुआ है। योगासन का सही अभ्यास आपको चमत्कारिक फायदे दे सकता है। कुछ योगासन दिमाग को मजबूती देने और याद्दाश्त बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए मेंटल स्ट्रेंथ और मेमोरी पावर दोनों ही ज़रूरी हैं। 5 योगासनों की मदद से उन्हें इसका लाभ दिलाया जा सकता है। आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में।
दिमाग को मजबूती देंगे 5 योगासन
पाद पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana): यह आसन रीढ़ की हड्डी को खींचता है और रक्त प्रवाह को मस्तिष्क में बढ़ाता है। इसे करने के लिए, बैठ जाएं और अपने पैरों को सामने फैलाएं। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, अपने सिर और छाती को अपने पैरों की ओर लाएं, अपने घुटनों को मोड़ते हुए। यदि आप अपने पैरों तक नहीं पहुंच पाते हैं, तो अपने टखनों या पिंडली को पकड़ें।
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सेतुबंध आसन (Setu Bandhasana): यह आसन थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है, जो एकाग्रता और स्मृति को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे करने के लिए, अपनी पीठ पर लेट जाएं, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखें। अपनी बाहों को अपने पक्षों पर रखें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठाएं जब तक कि आपका शरीर एक सीधी रेखा न बना ले।
सर्वांगासन (Sarvangasana): यह आसन पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है। इसे करने के लिए, अपनी पीठ पर लेट जाएं, अपने पैरों को एक साथ रखें और अपनी बाहों को अपने पक्षों पर रखें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, अपने कूल्हों और पैरों को फर्श से ऊपर उठाएं, अपने शरीर को एक उल्टे "V" आकार में लाएं।
हलासन (Halasana): यह आसन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे एकाग्रता और स्मृति में सुधार होता है। इसे करने के लिए, सर्वांगासन की स्थिति से, धीरे-धीरे अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर फर्श पर लाएं। यदि आप अपने पैरों को फर्श तक नहीं पहुंचा पाते हैं, तो आप उन्हें अपने घुटनों से मोड़ सकते हैं।
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भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayam): यह प्राणायाम मस्तिष्क को शांत करने और एकाग्रता में सुधार करने में मदद करता है। इसे करने के लिए, आरामदायक बैठ जाएं और अपनी आँखें बंद कर लें। अपने नाक के छिद्रों को बंद करें और धीरे-धीरे अपनी नाक से सांस लें। जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं, "भ्रम" मधुमक्खी के झुरझुराने जैसी ध्वनि करें।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श से जरूर लें।)