Raisins for Diabetes: तेजी से बदली लाइफस्टाइल ने कई बीमारियों को बुलावा दे दिया है। डायबिटीज भी एक ऐसी ही बीमारी है जो कि बिगड़ी लाइफस्टाइल के चलते घर कर जाती है। डायबिटीज के मरीजों की ब्लड शुगर तेजी से बढ़ती या घटती है, जिसका असर शरीर पर दिखाई देता है। लंबे वक्त तक हाई डायबिटीज होने पर इसका असर शरीर के अंगों पर पड़ने लगता है। यही वजह है कि डायबिटीज के मरीज शुगर लेवल को लेकर काफी सतर्क रहते हैं। शुगर न बढ़े इसलिए ज्यादातर लोग किशमिश खाने से भी परहेज करते हैं, हालांकि ये जानना जरूरी है कि क्या वाकई किशमिश खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ जाता है। 

शुगर के मरीज क्या खा सकते हैं किशमिश?
सबसे बड़ा सवाल ये ही होता है कि क्या शुगर के मरीज किशमिश को खा सकते हैं। हेल्थलाइन के मुताबिक इसका जवाब हां में है। डायबिटीज के मरीज भी किशमिश खा सकते हैं लेकिन सीमित मात्रा में। किशमिश खाने का मतलब ये नहीं है कि जब चाहे तब ज्यादा मात्रा में इसे खा लिया जाए। 

अन्य फलों की तरह ही किशमिश भी एक फ्रूट है, जिसमें नेचुरल शुगर पाया जाता है। ऐसे में किशमिश खाना सुरक्षित होते हुए भी शुगर न बढ़े इसके लिए इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। 

क्या ब्लड शुगर रेगुलेट करती है किशमिश?
किशमिश का सेवन खाने के बाद ग्लाइसेमिक कंट्रोल को रेगुलेट करने में भी मदद कर सकता है। हेल्थलाइन की खबर के अनुसार एक स्टडी में रिसर्चर्स ने 10 हेल्दी लोगों को शामिल किया था, चार पुरुष और छह महिलाएं। जिसमें ये जानने की कोशिश की गई कि ग्लाइसेमिक कंट्रोल पर किशमिश का कैसा असर होता है। 

पार्टिसिपेंट्स ने 2 से 8 हफ्तों के बीच चार ब्रेकफास्ट मील को लिया। इस दौरान उनकी ग्लूकोज और इंसुलिन लेवल को हर मील के 2 घंटे बाद मॉनिटर किया गया। उन्हें दो ब्रेकफास्ट मील सफेद ब्रेड और दो ब्रेकफास्ट मील किशमिश के दिए गए थे। रिसर्चर्स ने पाया कि किशमिश वाला मील खाने के बाद पार्टिसिपेंट्स की ग्लूकोज में काफी कमी आई और इंसुलिन रिस्पॉस भी बेहतर हुआ। रिसर्च के इस तरह के नतीजे सामने आने के बाद रिसर्चर्स ने ये पाया कि किशमिश ग्लाइसेमिक रिस्पॉन्स पर सकारात्क प्रभाव डालती है।