नवरात्रि के खास अवसर पर कुछ लोग अष्टमी या फिर कुछ नौवमी के दिन कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उनकी पूजा करते हैं और विशेष भोजन करवाते हैं। जिसे कन्या भोज कहा जाता है, इसलिए कन्या भोज की थाली में केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। आइए जानते हैं वो 5 जरूरी चीजें जिन्हें कन्या भोज की थाली में अवश्य शामिल करना चाहिए, ताकि ये भोजन पौष्टिक और संतुलित हो...

पूरी

पूरी एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है जो कन्या भोज की थाली का प्रमुख हिस्सा होती है। गेहूं के आटे से बनी पूरी कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत होती है, जो बच्चों को ऊर्जा प्रदान करती है। इसे तेल में तलकर बनाया जाता है, जिससे इसमें कुछ मात्रा में अच्छे फैट भी होते हैं, जो शरीर की ऊर्जा और स्वस्थ मेटाबॉलिज्म के लिए आवश्यक होते हैं। हालांकि इसे कम तेल में बनाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि यह सेहतमंद रहे।

हलवा

हलवा एक मिठाई है जो किसी भी धार्मिक या शुभ अवसर पर बनाई जाती है। सूजी, चीनी, और घी से बने इस स्वादिष्ट व्यंजन को बच्चे बहुत पसंद करते हैं। हलवा में सूजी और घी का उपयोग इसे पोषण से भरपूर बनाता है। सूजी में आयरन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जबकि घी में मौजूद वसा बच्चों की हड्डियों और मस्तिष्क के विकास के लिए फायदेमंद होती है। हलवे में सूखे मेवे डालने से इसका पोषण और भी बढ़ जाता है।

चना

चना, विशेष रूप से काले चने, कन्या भोज में अवश्य परोसे जाते हैं। चने प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होते हैं, जो बच्चों की मांसपेशियों के विकास और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होते हैं। चना पचाने में आसान होते हैं और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। 

खीर

खीर एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो दूध, चावल और चीनी से बनाई जाती है। यह थाली का सबसे स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन होता है। खीर में कैल्शियम और प्रोटीन होता है, जो बच्चों के हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी होते हैं। खीर में केसर और इलायची जैसे मसालों का उपयोग इसके स्वाद को और बढ़ाता है।

फल

कन्या भोज की थाली में ताजे फल जैसे केला, सेब, या संतरा भी शामिल किए जा सकते हैं। फल विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह पाचन को भी सुधारते हैं और पूरे भोजन को संतुलित और हल्का बनाने में मदद करते हैं।