Desi Ghee And Mava: दिवाली पर जमकर खाने पीने का दौर चलता है। यही वजह है कि घरों में कई दिनों पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। नमकीन और मिठाइयों से घर भरा रहता है। इसे बनाने के लिए देसी घी और मावे का खूब इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर लोग मार्केट से देसी घी और मावा खरीदकर लाते हैं, लेकिन आजकल बाजार में मिलावटी मावा और देसी घी जमकर बिकने लगा है।
आप भी अगर दिवाली पर देसी घी और मावा खरीदकर लाए हैं तो इसकी घर बैठे ही परख कर सकते हैं। कुछ तरीकों की मदद से इसके मिलावटी या शुद्ध होने की आसानी से पहचान की जा सकती है। मिलावटी घी और मावा खाने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए इनकी शुद्धता की जांच करना बहुत जरूरी है।
देसी घी में मिलावट की पहचान
फ्रिज में रखने पर: शुद्ध देसी घी फ्रिज में रखने पर पूरी तरह जम जाता है और इसमें क्रिस्टल जैसी संरचना बनती है। मिलावटी घी पूरी तरह से नहीं जमता है।
आग पर गर्म करने पर: शुद्ध देसी घी को आग पर गर्म करने पर यह धीरे-धीरे पिघलता है और इसमें धुआं नहीं निकलता है। मिलावटी घी जल्दी पिघलता है और इसमें धुआं निकलता है।
पानी में डालने पर: शुद्ध देसी घी पानी के ऊपर तैरता रहता है और इसमें कोई गोले नहीं बनते हैं। मिलावटी घी पानी में घुल सकता है या इसमें गोले बन सकते हैं।
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मावा में मिलावट की पहचान
रंग: शुद्ध मावा का रंग हल्का पीला होता है। अगर रंग बहुत चमकदार या कृत्रिम लग रहा है तो इसमें मिलावट हो सकती है।
स्वाद: शुद्ध मावा का स्वाद मीठा और दूध जैसा होता है। अगर स्वाद कड़वा या तीखा है तो इसमें मिलावट हो सकती है।
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स्पर्श करने पर: शुद्ध मावा स्पर्श करने में मुलायम होता है। अगर मावा स्पर्श करने में सख्त या चिपचिपा लग रहा है तो इसमें मिलावट हो सकती है।
पानी में डालने पर: शुद्ध मावा पानी में नहीं घुलता है। अगर मावा पानी में घुल रहा है तो इसमें स्टार्च या अन्य पदार्थ मिलाए गए हैं।
आग पर गर्म करने पर: शुद्ध मावा को आग पर गर्म करने पर यह धीरे-धीरे पिघलता है और इसमें धुआं नहीं निकलता है। मिलावटी मावा जल्दी पिघलता है और इसमें धुआं निकलता है।