Cucumber Plantation: ककड़ी एक ताजगी भरी और पौष्टिक सब्जी है, जिसे घर में आसानी से गमले या क्यारी में उगाया जा सकता है। यह गर्म जलवायु में तेजी से बढ़ती है और थोड़ी देखभाल से अच्छा उत्पादन देती है। ककड़ी में भरपूर मात्रा में पानी और फाइबर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यदि आपके पास बगीचा नहीं है, तो इसे गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है, जिससे कम जगह में भी ताजी ककड़ी हासिल की जा सकती है।

गमले या क्यारी में ककड़ी उगाने के लिए उपजाऊ, जैविक खाद युक्त मिट्टी और उचित धूप की आवश्यकता होती है। बीजों को सीधे मिट्टी में बोया जा सकता है या पौध तैयार करके रोपा जा सकता है। नियमित सिंचाई और सहारा देने से बेल तेजी से बढ़ती है और अच्छी फसल मिलती है। 

गमले में ककड़ी उगाने की विधि

गमले का चयन करें
ककड़ी के पौधे की जड़ें फैलाने के लिए बड़े और गहरे गमले की जरूरत होती है।
कम से कम 12-15 इंच गहरा और 12 इंच चौड़ा गमला चुनें।
गमले में नीचे छेद होना चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके।

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मिट्टी तैयार करें
अच्छी जलनिकासी वाली, जैविक पदार्थों से भरपूर दानेदार मिट्टी का उपयोग करें।
मिट्टी में गोबर की खाद, वर्मीकंपोस्ट या जैविक खाद मिलाएं।
मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए थोड़ा बालू या कोकोपीट मिलाना फायदेमंद रहेगा।

बीज बोना
गमले में 1-2 इंच गहरे 2-3 बीज बोएं।
बीजों के बीच 4-5 इंच का अंतर रखें।
बीज बोने के बाद हल्का पानी दें और गमले को धूप वाली जगह पर रखें।

पानी और धूप
ककड़ी को नियमित पानी की जरूरत होती है, इसलिए मिट्टी को नम बनाए रखें लेकिन जलभराव न करें।
पौधों को 5-6 घंटे की सीधी धूप मिलनी चाहिए।

सहारा और देखभाल
जब पौधा 6-8 इंच का हो जाए, तो इसे बांस या रस्सी से सहारा दें ताकि बेल अच्छी तरह चढ़ सके।
हर 15 दिन में जैविक खाद डालें।
पत्तों पर कीट दिखाई दें तो नीम का तेल या जैविक कीटनाशक छिड़कें।

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कटाई (हार्वेस्टिंग)
बीज बोने के 40-50 दिन बाद ककड़ी तैयार हो जाती है।
जब ककड़ी गहरे हरे रंग की और मध्यम आकार की हो, तो इसे तोड़ लें।
समय पर कटाई करने से नए फूल और फल जल्दी आते हैं।