Turmeric Benefits: हल्दी ऐसा मसाला है जो हर भारतीय रसोई घरों में आसानी से मौजूद रहती है। हल्दी मसालों की जान है तो वहीं मांगलिक कार्यों में भी अग्रणी है। स्वादवर्धक होने के अतिरिक्त इसमें स्वास्थ्य रक्षक गुणों का भी भंडार है। यह दो प्रकार की होती है। एक जो मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली पीली हल्दी, दूसरी काली या आंमा हल्दी होती है।

हल्दी को कई नामों से जाना जाता है जैसे-हरिद्रा, करकुमा, लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना, योशितप्रिया, हट्टविलासनी, हर दल, कुमकुम और अंग्रेजी में टर्मरिक आदि। हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर है। यहां हम पीली हल्दी के गुणों के बारे में बता रहे हैं।

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  • हल्दी की तासीर गर्म होती है। यह वात और कफ का शमन करने वाली और रक्त के प्रवाह को रोकने के लिए जरूर इस्तेमाल की जाती है। 
  • इसका प्रयोग दांतों के रोगों, त्वचा रोग, मूत्ररोग और यकृत विकारों में किया जाता है।
  • चेहरे की चमक के लिए हल्दी के पाउडर को मलाई में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद गुनगुने पानी से चेहरा धोने से चेहरे पर निखार आता है। 
  • जहरीला कीड़ा बिच्छू, मधुमक्खी, ततैया के डंक मारने पर पीली हल्दी का लेप लगाना आरामदायक होता है।
  • हृदय रोगी इसका सेवन करते हैं तो यह खून को पतला कर धमनियों में रक्त संचार सुचारु रखती है। 
  • नींद आने में परेशानी आती हो या बीच-बीच में नींद ‌टूटती हो तो सोने से पहले दूध में हल्दी मिलाकर पीने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है। इसमें प्राकृतिक रूप से प्रतिजैविक गुण होते हैं जो दूध में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर अधिक प्रभावी हो जाता है।
  • हल्दी वाला दूध किसी भी तरह की चोट, मोच, सिर दर्द में राहत देकर रक्त संचार नियमित करता है। 
  • मधुमेह (डायबिटीज) के रोगियों के लिए इसका सेवन हितकर है। प्राकृतिक रूप से इसमें मिलने वाला एक पदार्थ विशेष पित्त को प्रबलकर भोजन के पाचन में मददगार है। साथ ही पेट गैस और पेट की सूजन को दूर करता है।
  • सोने से पहले नजला, जुकाम, एलर्जी की खांसी की परेशानी में गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिलाना लाभकारी है।
  • हल्दी को उपले की आग पर डाल कर धुंआ लेने से पीलिया, बवासीर और सांस की बीमारियों में लाभ पहुंचाता है। 
  • सभी प्रकार के चर्मरोगों के लिए कच्ची हल्दी और आंवले का रस मिलाकर प्रभावित अंग पर लगाना हितकर है।
  • खुजली, दाद, दफ्फड़ चकत्तों की परेशानी में हल्दी को गाय के गौमूत्र में चंदन की तरह घिस कर लगाना लाभदायक होता है।
  • खांसी, जुकाम से पीड़ित रोगी को आधा चम्मच हल्दी पाउडर तवे पर भूनकर शहद के साथ लेना चाहिए। हल्दी भूनने के समय निकलने वाले धुएं को सूंघना भी लाभकारी है।
  • प्रोस्टेट ग्लैंड्स में कैंसर की आशंका हो तो फूलगोभी के साथ इसका सेवन हितकर है।
  • पेट के कीडों के लिए इसके साथ गुड़ मिलाकर खाना लाभदायक है। 
  • मुंह में छाले हों या गले में दर्द हो तो गर्म पानी में हल्दी डालकर कुल्ले करना चाहिए। गले के दर्द में इसी गर्म पानी में नमक मिला कर गरारे करना आराम देता है।
  • महिलाओं को पीरियड्स के दौरान परेशानी, पाचन संबंधी समस्या और वायरल इंफेक्शन से बचाव में इसका सेवन हितकर है। 

बरतें सावधानी
जिन लोगों को पित्त की थैली में पथरी हो, चेहरे पर चकत्ते हों, अपच रहता हो, दस्त की परेशानी हो, ऐसे लोगों के लिए हल्दी सेवन हानिकारक है। गुणों से भरपूर हल्दी को भारतीय केसर भी कहा गया है। इसकी मात्रा तीन से पांच ग्राम प्रतिदिन से अधिक ना लें। 

Disclaimer: (यहां बताए गए सभी उपाय उपचार सामान्य हैं। सेवन से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ या वैद्य से सलाह अवश्य लें।)