Vitamin D deficiency: विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक बेहद जरूरी तत्व है जिसकी कमी कई बड़ी समस्याएं पैदा कर देती है। ज्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी देखी जाती है। विटामिन डी कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करने के साथ ही इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बनाने का काम करता है जो कि बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
बच्चे और बुजुर्गों के लिए विटामिन डी की कमी काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इस विटामिन की कमी खासतौर पर तीन तरह के लोगों में दिखाई देती है। आइए जानते हैं इसके बारे में ...
डार्क स्किन - गर्म प्रदेशों वाले लोगों की त्वचा का रंग काफी गहरा होता है। डार्क स्किन के लोगों में विटामिन डी की कमी देखी जाती है। दरअसल, उनकी स्किन की ऊपरी परत पर मेलेनिन होता है जो कि विटामिन डी को अवशोषित होने से रोकता है, इससे शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है।
ऑफिस वर्क वाले लोग - ऑफिस वर्किंग लोगों के शरीर में भी विटामिन डी की कमी देखने को मिलती है। ज्यादातर वक्त ऑफिस में रहने के चलते सूरज की फायदेमंद किरणें उन्हें मिल नहीं पाती हैं। खासतौर पर नाइट शिफ्ट करने वाले लोगों में ये कमी ज्यादा देखी जाती है।
50 की उम्र के बाद - विटामिन डी की कमी 50 साल की उम्र पार करने के बाद ज्यादा होने लगती है। इस उम्र में कई तरह की बीमारियां भी शरीर को घेरने लगती हैं। विटामिन डी की कमी तनाव, अकेलापन, जोड़ों में दर्द, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं पैदा करती है।
नॉनवेज - जो लोग ज्यादा मात्रा में नॉनवेज खाते हैं उनके शरीर में भी विटामिन डी कम होने लगता है। नॉनवेज में ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है, लेकिन इससे शरीर को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता है। ऐसे में नॉनवेज खाने वाले लोगों को अपनी डाइट में थोड़ा बदलाव जरूर करना चाहिए, जिससे शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा बनी रहे।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)