Amit Shah on Manipur Situation: मणिपुर में शांति स्थापित करने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सख्त एक्शन प्लान बनाया है। शनिवार (1 मार्च) को नई दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने 8 मार्च से मणिपुर के सभी हाइवे में आवागमन बहाल करने के निर्देश दिए हैं। कहा, इस दौरान हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से कहा, मणिपुर से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आवाजाही के लिए चिन्हित प्रवेश मार्गों के दोनों तरफ बाड़ लगाने का काम जल्द पूरा करें। साथ ही मणिपुर को नशामुक्त बनाने के लिए अभियान चलाएं। नशे कारोबारियों के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए। 

राष्ट्रपति शासन के बाद पहली बैठक 
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक है। 2023 से यहां जातीय हिंसा जारी है। इसमें अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की वर्तमान स्थितियों की जानकारी लेकर सूबे में सामान्य स्थिति बहाल करने और लूटे गए हथियारों को आत्मसमर्पण करने पर अफसरों का ध्यान केंद्रित किया। 

Amit Shah Manipur security review

अफसरों को दिए गए यह निर्देश 
गृह मंत्री अमित शाह ने अफसरों को निर्देशित किया कि 8 मार्च, 2025 से मणिपुर के सभी रास्तों पर मुक्त आवाजाही सुनिश्चित कराएं। अवरोध पैदा करने वालों और जबरन उगाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। इंटरनेशनल बॉर्डर पर चिन्हित प्रवेश स्थलों के दोनों ओर बाड़ लगाने के काम को जल्द पूरा करें। बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। 

मणिपुर में ऐसे भड़की हिंसा 
मैतेई समुदाय ने मई 2023 में अनुसूचित जनजाति का (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च किया था। इस मार्च से शुरू हुई हिंसा अब तक बरकरार है। मणिपुर में स्थायी शांति बहाली के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह ने 13 फरवरी का इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। 

लूटे गए हथियार लौटाने की समय सीमा बढ़ाई  
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा करने की समयसीमा को 6 मार्च तक बढ़ा दी है। इसके लिए पहाड़ी और घाटी दोनों क्षेत्रों के लोगों ने अतिरिक्त समय मांगा था। 22 माह पहले शुरू हुई जातीय हिंसा में कई जगहों पर पुलिस के हथियार लूट लिए गए थे।