Arvind Kejriwal Order from ED Custody: बिना कागज और कंप्यूटर के क्या लिखित आदेश निकाला जा सकता है? जवाब आपका 'नहीं' होगा। दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी से रविवार को पहला आदेश सामने आया, जो जल-कल विभाग से जुड़ा था। इस आदेश को मंत्री आतिशी मार्लेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पढ़ा। लेकिन आदेश अब आफत बनने वाला है।
क्योंकि ईडी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। ईडी के सूत्रों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को लॉक-अप में कोई कंप्यूटर या कागज नहीं दिया गया है। फिलहाल, ईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
18 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय या ईडी ने गुरुवार (18 मार्च) को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिविल लाइन्स इलाके में उनके आधिकारिक आवास पर तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था। एक अदालत ने शुक्रवार को उन्हें 28 मार्च तक केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने रविवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत से अपना पहला निर्देश जारी किया है। जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के कुछ क्षेत्रों में पानी और सीवर से संबंधित समस्याओं को हल करने का निर्देश दिया गया है।
आतिशी बोलीं- लेटर देख मेरी आंखों में आंसू आए
आतिशी ने कहा कि शनिवार देर रात मिले निर्देशों से उनकी आंखों में आंसू आ गए। मैं सोचती रही कि यह आदमी कौन है, जो जेल में है, लेकिन अभी भी दिल्लीवासियों की पानी और सीवेज समस्याओं के बारे में सोच रहा है। केवल अरविंद केजरीवाल ही ऐसा कर सकते हैं क्योंकि वह खुद को दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के परिवार का सदस्य मानते हैं।
शक के घेरे में सुनीता केजरीवाल?
दरअसल, सुनीता केजरीवाल ने शनिवार की शाम ईडी मुख्यालय में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। हाथ में कुछ कागजात लेकर वह ईडी कार्यालय से बाहर निकलकर कुछ कर्मचारियों के साथ कार में बैठती देखी गईं। जांच की जा रही है।
इस बीच दिल्ली भाजपा ने ईडी की हिरासत से जल मंत्री को दिए गए उनके निर्देश को स्क्रिप्टेड बताया है।
आप प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उनके मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से सरकार चलाएंगे।
9 समन किया था नजरअंदाज
55 वर्षीय अरविंद केजरीवाल ने पहले मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी के 9 समन को नजरअंदाज कर दिया था। उनकी पार्टी के तीन सहयोगी मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और विजय नायर को पहले से ही इसी मामले में जेल में हैं। ईडी ने केजरीवाल को शराब घोटाले का किंगपिन बताया है।