- Last Updated: 22 Jan 2024, 11:28 AM IST
- Written by: S L Kushwaha
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला का अभिषेक 22 जनवरी को दोपहर 12 अभिजीत मुहूर्त में होना है। इस दौरान देशभर के मंदिरों में पूजा अर्चना और आरती होगी। मंदिर प्रबंधन ने रामभक्तों से घर-घर श्रीराम ज्योति जलाने की अपील की है।
मैहर मंदिर के पं ज्योतिषाचार्य मोहनलाल द्विवेदी ने बताया केि राम ज्याेति प्राण-प्रतिष्ठा के समय नहीं, बल्कि अंधेरा होने से पहले जलाएं। संभव हो तो घी का दीपक जलाएं। अन्यथा राम ज्योति जलाने के लिए सरसों के तेल ही प्रयोग करें। इस दिन कम से कम एक दीया तो जरूर जलाना चाहिए। चाहें तो 11 से 108 दीपक भी जला सकते हैं। 11 दीपक जलाना शुभ होगा, क्योंकि भगवान राम ने रावण के 10 सिरों को मारकर विजय हासिल की थी।
पूजा स्थल पर रखें 5 दीपक
पं मोहनलाल द्विवेदी ने बताया कि राम ज्योति जलाने के बाद 5 दीपक पूजा स्थान पर रख दें। जबकि, शेष दीपक घर के मुख्य द्वार, आंगन सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर रखें। राम ज्योति जलाने के लिए शुभम् करोति कल्याणम्, आरोग्य धन सम्पदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपम् ज्योति नमोस्तुते मंत्र का जाप करें। आपको यह मंत्र याद नहीं है और इसे पढ़ने में दिक्कत हो रही है तो राम नाम का जाप करते हुए राम ज्योति जलाएं। राम नाम से बड़ा कुछ भी नहीं है।
भगवान राम को प्रिय है खीर, इन पकवानों को लाएं भोग
- भगवान राम को खीर का भोग लगाना चाहिए। क्योंकि रामलला को खीर बहुत पसंद है। बताया जाता है कि श्रीराम जन्मोत्सव के समय अयोध्या के राजा दशरथ के यहां खीर ही बनाई गई थी। हालांकि, अलग-अलग राज्य में भगवान को भोग के रूप में अलग पकवान अर्पित किए जाते हैं।
- उत्तर भारत में भगवान राम को खीर, केसर भात, लड्डू और बर्फी का भोग लगाया जाता है। दक्षिणी के राज्यों में पुरणपोळी, सेवइयां और हलुआ का भी भोग लगाया जाता है। भगवान राम की पूजा के समय मुख्य रूप से भोग के लिए जिस प्रसाद को बनाया जाता है। वह हैं पंचामृत और धनिया की पंजीरी, इसे सोंठ की पंजीरी भी कहा जाता है। भक्त इसे अलग-अलग तरीकों से बनाते हैं। भगवान राम विष्णु के अवतार हैं, भगवान विष्णु के हर प्रसाद में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए। विष्णु भगवान को तुलसी का पत्ता बेहद प्रिय है। ऐसे में आप भगवान राम की पूजा के दौरान भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डाल दें।मान्यता है कि भगवान राम को इन चीजों का भोग लगाने से उनकी असीम कृपा मिलती है।
- भगवान राम वनवास के दौरान जंगल में कंदमूल का सेवन करते थे। ऐसे में उन्हें प्रसाद के रूप में कंद मूल भी अर्पित कर सकते हैं। शबरी के जूठे बेर खाने का प्रसंग प्रचलित है। ऐसे में आप भगवान राम को बेर भी चढ़ा सकते हैं।
ऐसे करें पूजा
रामलला को सुबह जगाने से पूजन शुरू होता है। इसके बाद शहद और चंदन का लेप लगाकर स्नान कराया जाता है। रामानंदी परंपरा के अनुसार मौसम के हिसाब से हर दिन अलग वस्त्र पहनाए जाते हैं। गर्मियों में सूती और हल्के वस्त्र तो जाड़े में स्वेटर और ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं। समस्ता प्रक्रिया मंत्रोच्चारण के साथ की जाती है। दोपहर भोग के बाद श्रीराम विश्राम करते हैं।