2002 Bilkis Bano Case: देश के चर्चित बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में सभी 11 दोषियों ने रविवार को गुजरात की जेल में सरेंडर कर दिया। 2022 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुजरात की सरकार ने सभी दोषियों को रिहा कर दिया था। बिलकिस बानो समेत कई लोगों ने गुजरात सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को सभी दोषियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करने का आदेश दिया था। 

स्थानीय अपराध शाखा निरीक्षक एनएल देसाई ने सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात पंचमहल जिले की गोधरा उप जेल में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

दोषियों को नहीं मिली राहत
11 दोषियों में तीन ने सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर का वक्त बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका लगाई थी। लेकिन बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। दोषियों ने किसी ने स्वास्थ्य समस्या, तो किसी ने परिवार में शादी, फसल और बुजुर्ग मां-बाप का हवाला दिया था। आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा था। शीर्ष अदालत ने कहा कि सरेंडर को स्थगित करने और वापस जेल में रिपोर्ट करने के लिए दोषियों ने जो कारण बताए हैं, उनमें कोई दम नहीं है। 

इन दोषियों ने किया सरेंडर
केसरभाई वोहानिया, गोविंद नाई, जसवन्त नाई, मितेश भट्ट, बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश चंदना और शैलेश भट्ट ने जेल में अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है। 

गोधरा कांड के भड़के थे दंगे
गुजरात में फरवरी 2002 में गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। दंगों की दहशत से बचने की कोशिश करते समय बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। तब बिलकिस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। उनके परिवार के कई सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।