Delhi First Successful Bilateral Hand Transplant: एक दुखद दुर्घटना में दोनों हाथ खोने वाला एक चित्रकार फिर से अपना ब्रश थामने वाला है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने चित्रकार को नई जिंदगी दी है। जनवरी में चित्रकार को मीना मेहता नाम की महिला को हाथ ट्रांसप्लांट किए गए हैं। अब मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली है। उसने डॉक्टरों के अलावा डोनर मीना मेहता को भी धन्यवाद दिया है, जिनकी बदौलत से उसकी जिंदगी बदल गई।
दिल्ली में पहली बार हुआ था सफल प्रत्यारोपण
चित्रकार की उम्र 45 साल है। उन्हें गुरुवार, 7 मार्च को सर गंगा राम अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। मरीज ने अक्टूबर 2020 में एक ट्रेन दुर्घटना में उन्होंने अपने दोनों हाथ खो दिए थे। इसके बाद पूरा परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था। क्योंकि चित्रकार ही अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था। कई बार उसने मरने के बारे में भी सोचा। लेकिन जिसकी कोई नहीं, उसका ऊपर वाला होता है।
मीना मेहता ने मरने से पहले किया था अंगदान
दक्षिण दिल्ली की एक प्रमुख स्कूल की पूर्व प्रशासनिक प्रमुख मीना मेहता को ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया था। मीना मेहता 45 वर्षीय व्यक्ति चित्रकार की मदद के लिए आगे आईं। मेहता ने अपने जीवनकाल के दौरान अपने अंगों को डोनेट कर दिया था।
चार लोगों को मिली नई जिंदगी
मीना मेहता की किडनी, लीवर और कॉर्निया ने तीन अन्य लोगों का जीवन बदल दिया है। उनके हाथों ने एक करारी असफलता के बाद एक चित्रकार के सपनों को पुनर्जीवित कर दिया है। लेकिन हिमालय जैसे दुश्कर कार्य को अंजाम देने वाली डॉक्टरों की टीम की कड़ी मेहनत के बिना यह संभव नहीं होता। सर्जरी में 12 घंटे से अधिक समय लगा। इस दौरान डोनर के हाथों और चित्रकार की भुजाओं के बीच हर एक नसों, मांसपेशी को जोड़ा गया। अब चित्रकार फिर से ब्रश थामने के लिए बेताब है।