Earthquake hit Leh-Ladakh of magnitude 4.5 Richter: भारत में सुबह-सुबह धरती डोली। लेह-लद्दाख में सुबह 4:33 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। उस वक्त लोग सो रहे थे। झटकों से लोगों की नींद खुली तो उन्हें भूकंप का एहसास हुआ। इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में सोमवार की देर रात भूकंप आया।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 4:33 बजे लेह और लद्दाख में रिक्टर पैमाने पर 4.5 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का सेंटर 5 किमी धरती के नीचे था।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भी आया भूकंप
भूकंप तीव्रता को मापने वाली एजेंसी ने यह भी बताया कि सोमवार की देर रात 1 बजकर 10 मिनट परजम्मू-कश्मीर के नजदीकी किश्तवाड़ जिले में भी आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.7 मापी गई। इसकी भी गहराई 5 किमी धरती के नीचे थी। हालांकि, पहाड़ी इलाकों से अभी तक किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप क्यों आता है?
दरअसल, पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं। जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेटल और क्रस्ट के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी के नीचे प्लेट्स घूमती रहती हैं। कई बार ये आपस में टकराती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स मुड़ या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे उर्जा निकलती है तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं। भूकंप की तीव्रता अलग-अलग होती है, जिसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है।
भूकंप किस तरह लाता है तबाही?
तीव्रता | असर |
0 से 1.9 | सीस्मोग्राफ से ही पता चलता है। |
2 से 2.9 | हल्का कंपन। |
3 से 3.9 | जैसे भारी वाहन पास से गुजरा हो। |
4 से 4.9 | घरों के शीशे टूट सकते हैं। दीवारों पर टंकी वस्तुएं गिर सकती हैं। |
5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है। |
6 से 6.9 | इमारतों की बुनियाद को नुकसान पहुंच सकता है। |
7 से 7.9 | इमारतें ढह जाती हैं। जमीन के भीतर मौजूद पाइप फट जाते हैं। |