Security Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली में एक हाई लेवल मीटिंग की। जिसमें खुफिया ब्यूरो (आईबी) के मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई। इस बैठक में अलग-अलग सिक्योरिटी और कानून प्रवर्तन (लॉ एन्फोर्समेंट) एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए। गृह मंत्री शाह की इस बैठक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर बनाना है।

शाह की बैठक की अहम बातें:
अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को "राष्ट्रीय सुरक्षा की ओर सरकार के समग्र दृष्टिकोण" को अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत पर जोर दिया, ताकि आतंकी नेटवर्क और उनके सहायक इको-सिस्टम को जड़ से खत्म किया जा सके।

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती चुनौतियां:

  • यह उच्च स्तरीय बैठक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चुनौतियों के बीच हुई, जहां हाल ही में आतंकी वारदातों में वृद्धि हुई है। शाह ने सभी प्रतिभागियों से मल्टी एजेंसी सेंटर में सहभागिता बढ़ाने और इसे एक समेकित मंच बनाने के लिए कहा, जो सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, एंटी-ड्रग एजेंसियों, साइबर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को निर्णायक और त्वरित कार्रवाई के लिए एक साथ लाता है।
  • गृह मंत्री शाह ने कहा- "एमएसी ने अपने घटकों का विश्वास अर्जित किया है और इसे कई हितधारकों, जिनमें अंतिम-मील प्रतिक्रिया देने वाले भी शामिल हैं, के बीच वास्तविक समय में कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी साझा करने के लिए 24x7 काम करना जारी रखना चाहिए।" 

तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल:
शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा में शामिल सभी एजेंसियों के युवा, तकनीकी रूप से कुशल और जुनूनी अधिकारियों की एक टीम बनाने पर जोर दिया, जो बिग डेटा और एआई/एमएल संचालित विश्लेषण और तकनीकी प्रगति का उपयोग करके आतंकी इको-सिस्टम को खत्म कर सके। साथ ही गृह मंत्री ने दोहराया कि नए और उभरते सुरक्षा चुनौतियों के सामने हमें हमेशा अपनी प्रतिक्रियाओं में एक कदम आगे रहना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एमएसी ढांचे को इसकी पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए एक प्रमुख तकनीकी और संचालनात्मक पुनरुद्धार से गुजरना होगा।