Bilateral Relations: पड़ोसी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा के बीच भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोमवार सुबह ढाका पहुंचे। वे यहां दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए चर्चा करेंगे। बता दें कि बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार गठन के बाद यह पहली उच्चस्तरीय आधिकारिक मीटिंग है।
द्विपक्षीय वार्ता और सहयोग पर जोर
- इस यात्रा के दौरान भारत-बांग्लादेश के विदेश सचिव फॉरेन ऑफिस कंसल्टेशन (FOC) के तहत आपसी सहयोग और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने 4 दिसंबर को पुष्टि की थी कि दोनों देशों के बीच आपसी हितों पर वार्ता होगी।
- सितंबर में बांग्लादेश के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। उस समय दोनों देशों ने एक "मजबूत कार्य संबंध" बनाए रखने और द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई थी।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले
हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 6 दिसंबर को ढाका से कुछ दूरी पर महाभाग्य लक्ष्मीनारायण मंदिर को अज्ञात उपद्रवियों द्वारा आग के हवाले कर दिया गया। मंदिर प्रबंधक बबलू घोष ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि हमलावरों ने पेट्रोल डालकर मूर्तियों को जलाने का प्रयास किया और उनकी उपस्थिति का आभास होते ही भाग गए। उन्होंने दावा किया कि इस घटना के पीछे कोई "गंभीर साजिश" हो सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का मुद्दा
चटगांव में आध्यात्मिक संत और संमिलित सनातनी जागरण जोट के सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को हाल ही में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि उनकी कानूनी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी 2025 को तय की गई है।
भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर असर
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तल्खी देखी जा रही है। पड़ोसी देश में अंतरिम सरकार में कट्टरपंथियों का हस्तक्षेप होने से युनूस सरकार का झुकाव पाकिस्तान की ओर बढ़ा है। ऐसे हालात में विदेश सचिव मिसरी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले और राजनीतिक तनाव अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बने हुए हैं।