Jode Maro Protest: छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा के गिरने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में उबाल है। घटना के विरोध में महा विकास आघाड़ी (MVA) के प्रमुख नेताओं शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले ने रविवार (1 सितंबर) को मुंबई में "जोडे मारो" नामक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यह विरोध मार्च हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक आयोजित किया गया, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा भारी सुरक्षा तैनात की गई थी। गेटवे ऑफ इंडिया पर सुरक्षा बलों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई, और कानून-व्यवस्था के चलते पर्यटकों के लिए इस स्थल को बंद कर दिया गया है।
महाराष्ट्र की जनता विपक्ष को जूतों से मारेगी: मुख्यमंत्री शिंदे
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर शिंदे सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी ने सवाल उठाए हैं और विपक्षी दलों के आंदोलन का मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने अपने खुद के मार्च की योजना बनाई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के विरोध प्रदर्शन पर कहा- ''यह बहुत दुखद घटना है... शिवाजी महाराज हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं हो सकते, वे हमारे लिए पहचान और आस्था का विषय हैं। जो घटना हुई वह दुर्भाग्यपूर्ण थी। इस पर राजनीति करना और भी दुखद है और विपक्ष इसी पर राजनीति कर रहा है। कर्नाटक में शिवाजी महाराज की प्रतिमा को तोड़ने के लिए दो जेसीबी मशीनें लाई गईं और वह प्रतिमा उखाड़ दी गई। जिन्होंने यह किया उन्हें पीटा जाना चाहिए। इसके बजाय वे (एमवीए) यहां विरोध कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र के लोग समझदार हैं, वे सबकुछ देख रहे हैं। आगामी चुनावों में महाराष्ट्र के लोग उन्हें जूतों से मारेंगे..."
भ्रष्ट शिवद्रोहियों को माफी नहीं मिलेगी: शरद पवार
विपक्षी दलों ने इस आंदोलन को "जोडे मारो" प्रोटेस्ट नाम दिया है, जिसका अर्थ है "जूते से मारना"। शिवसेना (यूबीटी) ने ट्वीट कर लोगों से इस मार्च में शामिल होने की अपील की, जिसमें कहा गया है कि वह शिवाजी महाराज के चरणों में नमन करने आ रहे हैं ताकि "महाराष्ट्र की अस्मिता को जगाया जा सके"। शरद पवार की एनसीपी ने कहा है कि "भ्रष्ट शिवद्रोहियों" को माफी नहीं दी जा सकती। कांग्रेस की राज्य इकाई ने कहा है कि यह मार्च उन "शिवद्रोहियों" को सबक सिखाने के लिए है, जिन्होंने घटिया काम किया, भ्रष्टाचार किया और शिवाजी महाराज का अपमान किया।
शिवाजी प्रतिमा का PM मोदी ने किया था उद्घाटन
- गौरतलब है कि इस प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिर्फ 8 महीने पहले किया था और इसके गिरने से महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल जारी है। इस परियोजना को नौसेना ने राज्य सरकार के सहयोग से पूरा किया था। पुलिस ने परियोजना के संरचनात्मक सलाहकार और ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर हत्या के प्रयास, गैर इरादतन हत्या और अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
- राजनीतिक विवाद के बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिमा के गिरने के लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज सिर्फ एक नाम या राजा नहीं हैं, हमारे लिए वह देवता हैं। आज मैं उनके चरणों में सिर झुकाता हूं और अपने देवता से माफी मांगता हूं। मैं उन सभी से माफी मांगता हूं जो इस घटना से आहत हुए हैं।"
'कांग्रेस-NCP 50 साल से शिवाजी को अपमानित कर रही'
बीजेपी ने विपक्ष के इस विरोध को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आलोचना की है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है। कांग्रेस और एनसीपी के नेता 50 साल से अधिक समय से शिवाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं। इंदिरा गांधी ने कभी लाल किले से शिवाजी महाराज का जिक्र नहीं किया, क्या कांग्रेस इसके लिए माफी मांगेगी? पीएम मोदी ने माफी मांग ली है, लेकिन एमवीए नेता चुनाव के नजदीक आते ही इस मुद्दे को राजनीति का हथकंडा बना रहे हैं।"
बीजेपी की यंग ब्रिगेड प्रदर्शन कर MVA को देगी जबाव
BJP प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने विपक्ष के शिवाजी के प्रति प्रेम को सतही बताया और सवाल किया कि "क्या पीएम की माफी पर्याप्त नहीं है? राहुल गांधी ने भी राफेल मामले में अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। क्या एमवीए इन माफियों के लिए भी ऐसा ही विरोध करेगा?" बीजेपी ने यह भी कहा है कि पार्टी की यंग ब्रिगेड महाराष्ट्र भर में शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं के पास प्रदर्शन करेगी ताकि विपक्ष के असली चेहरे को उजागर किया जा सके। बीजेपी ने आरोप लगाया कि पिछली कांग्रेस-नीत सरकारों ने राज्य में शिवाजी के किलों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। मुंबई में बीजेपी ने एमवीए के आंदोलन का मुकाबला करने के लिए पार्टी के शहर प्रमुख आशीष शेलार के नेतृत्व में दादर में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है।