Kolkata News : भारतीय पुलिस सेवा के सीनियर अधिकारी मनोज कुमार वर्मा कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर होंगे। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगों के बाद पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को पद से हटा दिया गया है। नई जिम्मेदारी मनोज वर्मा को दी गई है। वहीं गोयल को सरकार ने पुलिस कमिश्नर पद से हटाते हुए STF का एडीजी और आईजी बना दिया है।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को हटाने की अहम मांग को मानने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह कदम उठाया है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में रेप और मर्डर केस में अपने आवास पर आयोजित बैठक के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा था कि कोलकाता के नए पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा मंगलवार 4 चार बजे के बाद की जाएगी।
सरकार ने जारी की सूचना
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आज (17 सिंतबर) मंगलवार को सूचना जारी कर कहा गया कि राज्य में कई पुलिस अफसरों का तबादला किया गया है। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को कोलकाता से STF का एडीजी और आईजी बनाया गया है, जबकि उनकी जगह मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का पुलिस कमिश्नर के रूप में तैनात किया गया है। यही नहीं बंगाल सरकार ने डॉ. कौस्तव नायक को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान का नया डायरेक्टर नियुक्त किया है।
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ममता के पसंदीदा अफसरों में एक हैं मनोज
इसके पद के पहले मनोज वर्मा बंगाल पुलिस में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) के रूप में कार्यरत थे। ममता सरकार ने इनके अलावा 5 अन्य पुलिस अफसरों का तबादला किया गया है। मनोज 1998 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। मनोज की छवि तेज-तर्रार पुलिस अफसर की है। उनकी गिनती ममता बनर्जी के पसंदीदा पुलिस अफसरों में होती है।
सीएम ने डॉक्टरों की 99% मांगें मानीं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने सोमवार रात आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार कर लिया। कहा कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा के निदेशक को उनके पद से हटा दिया जाएगा। डॉक्टरों के साथ लंबी बैठक के बाद सीएम ममता ने कहा कि हमारी बातचीत सफल रही और उनकी (डॉक्टरों) की करीब 99 फीसदी मांगों को स्वीकार कर लिया गया है।
मेडिकल कॉलेज के सीनियर डॉक्टरों ने सोमवार को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया था। डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि वे चाहते हैं कि संबद्ध प्राधिकारें, सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट जांच प्रक्रिया में तेजी लाए। साथ ही बिना किसी देरी के दोषियों को दंडित करे। डॉक्टरों का आरोप है कि इस केस में सबूतों से छेड़छाड़ की गई।
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