Justice Fathima Beevi Dies: सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का गुरुवार को केरल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 96 वर्ष की थीं। वह देश में हाईकोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला भी थीं। 

स्वास्थ्य मंत्री ने जताया शोक

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जस्टिस बीवी का निधन बेहद दर्दनाक है। मंत्री ने कहा कि न्यायमूर्ति बीवी ने उच्चतम न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और तमिलनाडु की राज्यपाल के रूप में अपनी छाप छोड़ी। जॉर्ज ने एक बयान में कहा कि वह एक बहादुर महिला थीं, जिनके नाम कई रिकॉर्ड थे। वह एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपने जीवन से दिखाया कि इच्छाशक्ति और उद्देश्य की भावना से किसी भी विपरीत परिस्थिति को पार किया जा सकता है।

1927 में केरल में हुआ था जन्म

जस्टिस फातिमा बीवी का जन्म 1927 में केरल में हुआ था। 1950 में उन्होंने बार काउंसिल परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की थी। उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। एक वकील के रुप में अपना करियर शुरू करने वाली फातिमा ने 1974 में जिला और सत्र न्यायाधीश बनने के लिए अपना रास्ता बनाया। 1980 में वह आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में शामिल हुईं और 1983 में हाईकोर्ट की जज बनीं। इसके बाद 1989 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली महिला जज बनकर इतिहास रच दिया। 1993 में रिटायरमेंट के बाद उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य के रुप में और फिर तमिलनाडु के राज्यपाल के रुप में काम किया। उन्होंने राजीव गांधी हत्या मामले में चार सजायाफ्ता कैदियों द्वारा दायर दया याचिकाओं को खारिज करने के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया।