Karnataka Hijab Ban Row Congress Vs BJP: कर्नाटक सरकार ने अभी तक हिजाब पर प्रतिबंध हटाने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। शनिवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि हम हिजाब प्रतिबंध फैसले को वापस लेने के बारे में सोच रहे हैं। अभी तक हमने कोई फैसला नहीं लिया है। हम इस पर चर्चा करने के बाद निर्णय लेंगे। हालांकि सिद्धारमैया ने बीते दिनों हिजाब पर लगा प्रतिबंध हटाने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा कि लोगों को कपड़े और भोजन चुनने का व्यक्तिगत अधिकार मिला है।

फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस फूट डालो और राज करो' की ब्रिटिश नीति को आगे बढ़ा रही है। कर्नाटक भाजपा प्रमुख विजयेंद्र ने सिद्धारमैया पर शैक्षणिक माहौल को खराब करने का आरोप लगाया। 

हिजाब विवाद आखिर क्या है?
विवाद पहली बार पिछले साल जनवरी में शुरू हुआ था। कर्नाटक के उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज ने कथित तौर पर छह छात्राओं को एंट्री नहीं दी थी। छात्राओं ने हेडस्कॉर्फ पहन रखा था। इसके बाद पूरे राज्य में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन हुए। कर्नाटक हाईकोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचा। अक्टूबर 2022 में इस मुद्दे पर फैसला सुनाया गया। अदालत ने ड्रेस कोड लागू करने के राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा और दूसरे ने कहा कि हिजाब पसंद का मामला है। जिसमें राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।

हिजाब प्रतिबंध हटाने के फैसले का समर्थन कौन कर रहा है?
कांग्रेस और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नेताओं ने कर्नाटक सरकार के फैसले का समर्थन किया है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे, मधु बंगारप्पा और एचके पाटिल ने अपना समर्थन दिया है। प्रियांक खड़गे ने 2022 में पिछली भाजपा सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को रद्द करने के सिद्धारमैया के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार जो कुछ भी कर रही है वह कानून और संविधान के ढांचे के अनुसार है। भाजपा के पास करने के लिए कोई काम नहीं है, उन्हें पहले अपना घर ठीक करना चाहिए।

कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि हिजाब को लेकर पिछली सरकार का फैसला पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण था और यह देश की धर्मनिरपेक्ष सोच के अनुरूप नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है।

इस कदम के खिलाफ कौन है?
फैसले की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रतिबंध हटने से दक्षिणी राज्य में शरिया कानून की स्थापना में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल हिजाब पर प्रतिबंध हटाना नहीं है, बल्कि राज्य में शरिया कानून की स्थापना है। अगर राहुल गांधी, कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन देश में सरकार बनाते हैं, तो इस्लामी कानून लागू किया जाएगा।