Karnataka Muslim Reservation: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार सरकारी ठेकों में आरक्षण का दायरा बढ़ाने जा रही है। एससी-एसटी, ओबीसी और महिलाओं के बाद अब कर्नाटक के सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को भी आरक्षण दिया जाएगा। शुक्रवार (14 मार्च) को सीएम सिद्धारमैया की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योर्मेंट (KTPP) एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योर्मेंट (KTPP) एक्ट संशोधन बिल इसी सत्र में पेश किया जाएगा। विधानसभा में बिल पारित होने के बाद कर्नाटक के सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण मिलेगा। देश में धार्मिक आरक्षण का यह पहला प्रयास है। 

संविधान विरोधी बताया निर्णय 
कर्नाटक सरकार के इस फैसले को बीजेपी ने संविधान विरोधी बताया है। सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, सरकारी ठेकों में आरक्षण असंवैधानिक है। सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर तो आरक्षण दिया जा सकता है, लेकिन धार्मिक आधार पर आरक्षण देना मंजूर नहीं है। हमारी पार्टी इसका पुराजोर विरोध करती है। 

तुष्टीकरण नीति को बढ़ावा दे रही कांग्रेस 
बीजेपी IT सेल चीफ अमित मालवीय ने इसे कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति बताया है। कहा, सिद्धारमैया सरकार मुस्लिम आरक्षण के जरिए SC-ST और OBC को कमजोर कर रही है। उसकी इस साजिश को हम सफल नहीं होने देंगे। बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी 9 दिसंबर 2006 को कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक, आदिवासियों, महिलाओं और पिछड़ों का होना चाहिए।

CM सिद्धारमैया ने किया था ऐलान 

  • मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 7 मार्च को बजट प्रस्तुति के दौरान श्रेणी-II बी वर्गीकरण के तहत सार्वजनिक निर्माण में 4 प्रतिशत मुसलमानों के लिए आरक्षित किया जाएगा। यह आरक्षण विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों और संस्थानों के तहत वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर भी लागू होगा।
  • कर्नाटक में अभी अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के ठेकेदारों को श्रेणी-1 और श्रेणी-2ए शामिल में रिजर्वेशन मिलता है। श्रेणी 1 (सबसे पिछड़ा) में 17 मुस्लिम समुदाय शामिल हैं और श्रेणी 2ए (अपेक्षाकृत अधिक पिछड़ा) में 19 समुदाय शामिल हैं।
  • सिद्धारमैया ने कहा, आरक्षित वर्ग के केटीपीपी अधिनियम के तहत 2 करोड़ तक के अनुबंधों के लिए पात्र होंगे। जबकि, वस्तु और सेवाओं के आपूर्तिकर्ता 1 करोड़ तक के ऑर्डर के लिए पात्र होंगे।  

सिद्धारमैया कैबिनेट के प्रमुख निर्णय 

  • टेंडर पर आरक्षण
    मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने 1 करोड़ तक के सरकारी टेंडरों में कैटेगरी-2B मुस्लिमों के लिए आरक्षण देने का फैसला मुस्लिम समुदाय को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से लिया है। कैटेगरी-1, 2A और 2B के लिए अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण लाभ मिलेगा। सरकारी विभागों, निगमों और संस्थानों में सर्विस प्रोवाइडर और मटेरियल सप्लाई में भी आरक्षण लाभी मिलेगा।  
  • लोक सेवा आयोग में सुधार के लिए नई कमेटी
    कर्नाटक लोक सेवा आयोग (KPSC) में सुधार के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। KPSC के सदस्यों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी बनाई जाएगी। ताकि, नियुक्ति प्रक्रिया सटीक और निष्पक्ष हो।  
  • ग्राम पंचायत अधिनियम में संशोधन
    कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य पंचायत व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इसके जरिए स्थानीय निकायों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और ग्रामीण विकास के लिए प्रशासनिक तंत्र मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा।
  • कृषि और बायोइनोवेशन सेंटर को राहत
    बेंगलुरु के हेब्बल स्थित कृषि विभाग की 4.24 एकड़ जमीन इंटरनेशनल फ्लॉवर ऑक्शन बेंगलुरु (IFAB) को 2 साल किराया मुक्त देने की मंजूरी दी गई है। बायोइनोवेशन सेंटर में आग लगने के बाद 96.77 करोड़ की वित्तीय सहायता देने का फैसला भी लियागया है। ताकि वहां के उपकरण रिनोवेट किए जा सकें।