Karnataka temple tax bill: कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बड़ा झटका लगा है। हिंदू मंदिरों से टैक्स वसूलने वाला विधेयक 'कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती संशोधन विधेयक 2024' शुक्रवार देर रात शाम राज्य विधान परिषद में औंधे मुंह गिरा। कर्नाटक सरकार ने 2 दो दिन पहले राज्य विधानसभा में विधेयक पारित करा लिया था। इस विधेयक में कहा गया था कि जिन मंदिरों का राजस्व एक करोड़ से अधिक है, सरकार उसकी कमाई का 10 फीसदी टैक्स वसूलेगी।
उपसभापति ने कराया मतदान
इस विधेयक का विपक्षी दल भाजपा विरोध कर रहा था। भाजपा ने कांग्रेस पर 'हिंदू विरोधी' नीतियां लागू करने का आरोप लगाया था। बंदोबस्ती विभाग के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विधान परिषद में विधेयक पेश किया था। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच तीखी बहस हुई। आखिरकार उपसभापति प्रणेश ने ध्वनि मत से मतदान कराया।
उच्च सदन में क्या है संख्या बल
पार्टी | संख्या |
कांग्रेस | 30 |
भाजपा | 35 |
जेडीएस | 08 |
निर्दलीय | 01 |
एक सीट खाली है। |
राज्य मंत्री ने कहा- भाजपा है हिंदू विरोधी
राज्य के मंत्री रामलिंगा रेड्डी और दिनेश गुंडू राव ने विधेयक का बचाव किया। इसके विरोध के लिए भाजपा की आलोचना की। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने आरोप लगाया कि भाजपा हिंदू विरोधी है और दावा किया कि जो पार्टी 2011 में सत्ता में थी, उसने विधेयक में संशोधन किया था।
उन्होंने कहा कि हम हिंदू विरोधी नहीं हैं। बीजेपी हिंदू विरोधी है। यह कानून 2003 में अस्तित्व में आया था। 2011 में भाजपा इसमें कुछ संशोधन किए। उस वक्त 5 लाख रुपये तक आय वाले करीब 34,000 मंदिर थे। धार्मिक परिषद को कोई पैसा नहीं दिया। 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक आय वाले लगभग 193 मंदिर हैं। उन्हें 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा। 10 लाख रुपये से अधिक आय वाले लगभग 205 मंदिर हैं। इन मंदिरों को 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा। उन्होंने 2011 में विधानसभा में इस संशोधन को मंजूरी दी। हिंदू विरोधी कौन है?
क्या कहता है विधेयक?
- विधेयक का नाम 'कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती संशोधन विधेयक 2024' है।
- 1 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व वाले मंदिरों से 10 प्रतिशत टैक्स वसूला जाएगा।
- 5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के बीच राजस्व वाले मंदिरों से 5 प्रतिशत कर इकट्ठा किया जाएगा।
केवल हिंदू मंदिरों की जांच क्यों?
राज्य के निचले सदन में बिल को मंजूरी मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा ने सवाल उठाया कि केवल हिंदू मंदिरों की ही जांच क्यों की जा रही है, अन्य धर्मों की आय की क्यों नहीं।