Lakhpati Didi Yojana: 2024 लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में प्रस्तावित हैं। इस चुनाव में नारी सशक्तिकरण एक अहम मुद्दा होगा। इसकी एक झलक गुरुवार को अहमदाबाद में अमूल के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में भी देखने को मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार नारी शक्ति का नाम लिया। उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर की एक विशेषता है, जिस पर बात कम होती है। वह नारी शक्ति है। इस सेक्टर में 70 फीसदी महिलाएं काम करती हैं। 

सबसे अधिक लखपति दीदी आंध्र प्रदेश में
चुनावी रणनीतिकार मानते हैं कि लखपति दीदी योजना भी भाजपा के लिए बड़ा हथियार बनेगी। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। लखपति दीदी का मतलब हर उस महिला से है जो साल में कम से कम एक लाख रुपए कमाती है। राज्यवार आंकड़ों पर गौर करें तो परिणाम बीजेपी के रणनीतिकारों को सुखद संकेत दे रहा है। सबसे अधिक लखपति दीदी आंध्र प्रदेश में हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश का नंबर है। 

अब 3 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य
महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन शुरू किया है। इसके तहत सरकार ने सबसे अधिक ध्यान स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाकर उसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिलाओं को जोड़ने पर रखा है। 77वें स्वतंत्रता दिवस पर 2023 में लाल किले से पीएम मोदी ने कहा था कि नारी शक्ति को आगे बढ़ाना हमारा शुरुआत से लक्ष्य रहा है। हमारा लक्ष्य 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। हालांकि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में लक्ष्य 2 करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने का फैसला किया है। 

अब राज्यवार लखपति दीदी के आंकड़े देखिए

प्रदेश लखपति दीदी
आंध्र प्रदेश 13,65,471
बंगाल 1011452
तेलंगाना 6,91,193
ओडिसा 4,40,150
झारखंड 3,01,168
तमिलनाडु 2,64,101
केरल 2,31,036
कर्नाटक 1,88,735
त्रिपुरा 51,715
हिमाचल प्रदेश 35,437
मेघालय 33,856
पंजाब 22,040
मध्य प्रदेश 9.54 लाख
अंडमान और निकोबार द्वीप 242
लक्षद्वीप 00
उत्तर प्रदेश 6.68 लाख
गुजरात 4.94 लाख
महाराष्ट्र 8.99 लाख
राजस्थान 2.02 लाख
बिहार  1.16 लाख
गोवा 206
लद्दाख 51,723
जम्मू-कश्मीर 29,070
मणिपुर 12,499
नगालैंड 10,494

क्या है लखपति दीदी योजना?
लखपति दीदी योजना भारत सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इस योजना का लक्ष्य 2025 तक प्रत्येक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से कम से कम एक महिला की वार्षिक आय को कम से कम 1 लाख रुपये तक बढ़ाकर लखपति बनाना है।

यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इसका लक्ष्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओं का स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना आवश्यक है। इस समय देश में 83 लाख स्वयं सहायता समूह हैं। इनसे करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं। 

कैसे बनेंगी लखपति?
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें एलईडी बल्ब बनाने से लेकर ट्रेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की जानकारी दी जाती है। सरकार एक से डेढ़ लाख रुपए तक की ब्याजमुक्त मदद करती है। सरकार की तरफ से मार्केट सपोर्ट भी दिया जाता है।