Waqf Amendment Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी वक्फ संशोधन विधेयक गुरुवार (4 अप्रैल) को पेश किया गया। सभापति जगदीप धनखड़ ने रात 2 बजकर 34 मिनट पर बिल पास करने की घोषणा की। बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। अब बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा। उनकी स्वीकृति मिलने के बाद कानून बन जाएगा। गुरुवार को दोपहर 1 बजे से रात 1.14 बजे तक सत्तापक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच बहस चली। 12 घंटे से ज्यादा लंबी चर्चा के बाद बिल पास हुआ। बता दें कि बुधवार को लोकसभा में बिल पास हुआ था।
लोगों के अधिकारों की रक्षा करेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक के पारित होने पर शुक्रवार को प्रसन्नता जताई और कहा कि यह कदम सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के सामूहिक प्रयास की दिशा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। नरेंद्र मोदी ने 'X' पर लिखा-दशकों से वक्फ व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव था। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचता था। संसद द्वारा पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ाएंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।
जिसकी लाठी उसकी भैंस ये ठीक नहीं
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार का इरादा ठीक नहीं है। वक्फ लैंड किसको देंगे यह सामने नहीं आया। व्यापारियों को देंगे...मुझे पता नहीं। अंबानी-अडाणी जैसे लोगों को खिलाएंगे। मैं गृहमंत्री से अपील करूंगा कि आप इसे वापस ले लें। इसे प्रेस्टीज ईश्यू न बनाएं। मुसलमानों के लिए ये अच्छा नहीं है। संविधान के खिलाफ है। खड़गे ने कहा कि विपक्ष के सभी लोगों ने बिल को स्वीकार नहीं किया। इसका मतलब इसमें खामिया हैं। जिसकी लाठी उसकी भैंस ये हर वक्त ठीक नहीं।
सरकार समाधान देने में विफल रही
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने विधेयक पर अपने विचार उनके (सरकार) सामने रखे। उन्होंने पहले से नकारात्मक रुख अपनाया है और वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं। मणिपुर मुद्दे पर उन्होंने कहा, "मणिपुर में सैंकड़ों लोग मारे गए, बलात्कार हुआ, घर जला दिए गए, स्कूल और कॉलेज बंद हैं। वहां कोई सुरक्षा नहीं है। समाधान खोजने की जरूरत है और सरकार समाधान देने में विफल रही है। हम चाहते हैं कि स्वंय प्रधानमंत्री जाकर इसे सुलझाए।
बिल का मूल मंत्र-पारदर्शिता और जवाबदेही लाना
राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल का मूल मंत्र है-पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। 2013-25 के बीच में यह कानून गलत दिशा में था। इससे मुस्लिम भाइयों का बहुत नुकसान हुआ है। जमीन माफियाओं ने मलाई खाई। नड्डा ने आगे कहा कि 1913 से 2013 तक वक्फ के पास 18 लाख हेक्टेयर संपत्ति थी। 2013 से अब तक वक्फ संपत्तियों में 21 लाख हेक्टेयर जमीन जुड़ गई है। इन जमीनों और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए हमने 2013 के वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कानून एक विकसित प्रक्रिया है।
ड्राफ्ट में हमने कई चेंज किए
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ बिल के ओरिजिनल ड्राफ्ट और अब के ड्राफ्ट को देखें तो कई चेंज हमने किए हैं। यह चेंज सबके सुझाव से ही हुए हैं। जेपीसी में ज्यादातर लोगों के सुझाव स्वीकार हुए हैं।
गरीब मुसलमानों को न्याय मिले, यही उद्देश्य
किरेन रिजिजू ने कहा कि सारे सुझाव स्वीकार नहीं हो सकते। ये लोकतंत्र का नियम है, जिसका बहुमत होता है, वही सरकार बनाता है। संशोधित बिल में मुसलमानों के धार्मिक क्रियाकलापों में किसी तरह का हस्तक्षेप कोई गैर मुस्लिम नहीं करेगा। गरीब मुसलमानों को न्याय मिले, हमारा यही उद्देश्य है।
जानिए क्या है वक्फ संशोधन विधेयक
वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए 1954 में 'वक्फ एक्ट' नाम से कानून बनाकर 'सेंट्रल वक्फ काउंसिल' का प्रावधान किया गया। 1955 में कानून में बदलाव करके हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाए जाने की शुरुआत हुई। देश भर में अभी 32 वक्फ बोर्ड हैं। ये वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन और रखरखाव करते हैं। बिहार समेत कई प्रदेशों में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के लिए वक्फ बोर्ड अलग हैं। 1964 में पहली बार सेंट्रल वक्फ काउंसिल गठित हुई। 1954 के इसी कानून में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार 'वक्फ संशोधन बिल' लाई है।