Parliament Budget Session: लोकसभा बजट सत्र के पहले चरण का आखिरी दिन हंगामेदार रहा। गुरुवार (13 फरवरी) को विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद राज्यसभा में वक्फ बिल पर JPC रिपोर्ट पेश की गई। इसके बाद दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दोनों विधेयक पेश होने के बाद कार्यवाही 10 मार्च तक स्थगित 
दोपहर 2 बजे के बाद लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया आयकर बिल पेश किया। इसके बाद जेपीसी अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को प्रस्तुत करने के दौरान विरोध किया, लेकिन सदन ने इसे प्रस्तुत करने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया। दोनों विधेयक पेश होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही 10 मार्च तक स्थगित कर दी गई। 

निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आयकर विधेयक 

नया इनकम टैक्स बिल आकार में छोटा 
बता दें कि संसद का पहला बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था। 13 फरवरी को सत्र का आखिरी दिन था। आखिरी दिन गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही 10 मार्च तक स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। गुरुवार को सदन में पेश किया गया नया इनकम टैक्स बिल मौजूदा इनकम टैक्स-1961 से आकार में छोटा है। धाराएं और शेड्यूल ज्यादा हैं। 622 पन्नों के नए बिल में 23 चैप्टर में 536 धाराएं हैं और 16 शेड्यूल हैं। मौजूदा आयकर अधिनियम में 298 धाराएं, 14 शेड्यूल हैं और 880 से ज्यादा पन्नों का है।

 भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट की पेश  

सरकार मनमाने तरीके से बिल ला रही 
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि हम वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट का विरोध करते हैं। इस पर पूरा विपक्ष एकजुट है। सत्ता पक्ष की ओर से कुछ पार्टियां हो सकती हैं जो इस पर हमारे साथ हो सकती हैं। सरकार मनमाने तरीके से यह बिल ला रही है। वे ध्यान भटकाने के लिए सत्र के आखिरी दिन रिपोर्ट लेकर आए हैं।

विपक्ष सदन को गुमराह नहीं कर सकता: रिजिजू
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैंने विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच की है। रिपोर्ट से कोई भी बात हटाई नहीं गई है। किस आधार पर ऐसा मुद्दा उठाया जा सकता है? विपक्ष के सदस्य अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं, जिसमें तथ्य नहीं है। आरोप झूठे हैं। जेपीसी ने नियमों के अनुसार पूरी कार्यवाही की गई। जेपीसी के सभी विपक्षी सदस्यों ने पिछले 6 महीनों में सभी कार्यवाही में भाग लिया। रिपोर्ट के परिशिष्ट में सभी असहमति नोट संलग्न हैं। विपक्ष सदन को गुमराह नहीं कर सकता। 

पांच मिनट ही चली कार्यवाही 
गुरुवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट पेश होते ही विपक्षी सदस्यों ने वक्फ बिल को वापस लेने की मांग करते हुए हंगामा बोल दिया। हंगामे के बीच उच्च सदन ने रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करते हुए हंगामा करते रहे।  हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। सुबह संसद में लोकसभा की कार्यवाही पांच मिनट ही चल सकी। 

हमने लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की
जेपीसी रिपोर्ट पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुझे मिलाकर 6 विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की। ए राजा, कल्याण बनर्जी, इमरान मसूद, मोहम्मद जावेद, गौरव गोगोई शामिल थे। हमने स्पीकर को बताया कि हमारे असहमति नोटों के कई पन्ने और पैराग्राफ जेपीसी रिपोर्ट से हटा दिए गए हैं। स्पीकर ने सेक्रेटरी जनरल से कहा कि वे हमारे असहमति नोटों में से वह सब कुछ शामिल करेंगे जो नियमों के अनुसार होगा।  

ये रिपोर्ट फर्जी: खड़गे
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपकी सलाह हम मानते हैं। यही तरीका उधर वाले मान लें तो सही है। जेपीसी की रिपोर्ट पर कई सदस्यों ने आपत्ति जताई। उनके डिसेंट नोट को बाहर निकालना गलत है। संसदीय प्रक्रिया में ऐसा नहीं चलता है। हमारे लिए ये रिपोर्ट फर्जी है। यह असंवैधानिक है। इस रिपोर्ट को फिर से पेश कीजिए। इस पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं।

किरेन रीजीजू ने जेपीसी को भेजा था बिल
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने लोकसभा में पेश किए जाने के बाद आठ अगस्त 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा था। विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।

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आम लोगों के समझने योग्य है नया बिल 
सरकार का दावा है कि नया टैक्स बिल मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट-1961 को सरल बनाकर आयकर कानून को आम लोगों के समझने योग्य बनाएगा और इससे जुड़ी मुकदमेबाजी घटेगी। विधेयक में 'आकलन वर्ष' जैसी जटिल शब्दावली की जगह 'कर वर्ष' की संकल्पना रखी गई है।

JPC ने ओम बिरला को सौंपी थी रिपोर्ट 
वक्फ संशोधन बिल पर गठित JPC की रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सौंपी गई थी। समिति की 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था। जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव समाहित हैं। विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक करार दिया था और आरोप लगाया था कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।