Caste Census: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार (24 अगस्त) को प्रयागराज में मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजा-महाराजा की तरह शासन करना चाहते थे, लेकिन हमने उन्हें संविधान का सम्मान करने के लिए मजबूर कर दिया। देश में जातिगत जनगणना की जरूरत है ताकि सही नीतियां बनाई जा सकें और धन का वितरण उचित तरीके से हो सके। राहुल ने बीजेपी को अपना गुरु मानते हुए कहा कि उन्होंने मुझे सिखाया कि क्या करना है और क्या नहीं करना है।
राहुल गांधी ने 'संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा' कार्यक्रम में करीब 40 मिनट लंबा भाषण दिया।
जातिगत जनगणना से संविधान को मजबूत मिलेगी: राहुल
- देश के पारंपरिक व्यवसायों जैसे- धोबी, मोची और बढ़ई का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा- इनके पास जबरदस्त कौशल है, लेकिन इन्हें सम्मान नहीं मिलता। उन्होंने जोर देकर कहा कि 90% लोग सिस्टम का हिस्सा नहीं हैं, उनके पास जरूरी कौशल और प्रतिभा है, लेकिन वे सिस्टम से जुड़े नहीं हैं। इसलिए हम जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। जातिगत जनगणना जरूरी है। यह संविधान को मजबूत करने का काम करेगी और इसे कोई नहीं रोक सकता।
- बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि जातिगत जनगणना के बाद ओबीसी वर्ग को हिस्सा दिया जाएगा...हम अलग-अलग समुदायों की सूची चाहते हैं। हमारे लिए जातिगत जनगणना सिर्फ एक जनगणना नहीं है, यह नीतियां बनाने की नींव है। सिर्फ जातिगत जनगणना कराना ही पर्याप्त नहीं है, यह भी अहम है कि समझा जाए कि धन का वितरण कैसे हो रहा है...यह जानना भी जरूरी है कि नौकरशाही, न्यायपालिका, मीडिया में ओबीसी, दलित, मजदूरों की कितनी भागीदारी है?
मोदीजी मान जाइए, जाति जनगणना होकर रहेगी: राहुल
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बताया कि मोदी सरकार ने बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया, लेकिन किसी दलित या मोची का कर्ज माफ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मीडिया और न्यायपालिका में ओबीसी, दलित, और मजदूरों की भागीदारी शून्य है, और यह स्थिति बदलनी चाहिए। राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य संविधान को बचाना है और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इसे समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना और सामाजिक सर्वेक्षण को कोई नहीं रोक सकता और यह जल्द ही होकर रहेगा। पीएम मोदी को जितनी जल्दी हो, इसे समझ लेना चाहिए।