Modi 3.0: मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को मंत्रियों को उनके कामकाज यानी पोर्टफोलियो आवंटित कर दिए गए। इस बीच लोकसभा स्पीकर के लिए भी NDA के घटक दलों में जोर-आजमाइश चल रही है। लोकसभा चुनाव में 16 सीटें जीतने वाली TDP के चीफ चंद्रबाबू नायडू NDA सरकार को समर्थन देने के एवज में लोकसभा स्पीकर का पद चाहते हैं। जबकि BJP इसे अपने पास रखना चाहती है। इस बीच स्पीकर की रेस में डी पुरंदेश्वरी (Daggubati Purandeswari) का नाम सामने आने से गणित बदल गए हैं।
आइए जानते हैं कौन हैं डी पुरंदेश्वरी? लोकसभा स्पीकर की रेस में क्यों उछला उनका नाम?
डी पुरंदेश्वरी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक और दिग्गज नेता रहे एनटी रामाराव की बेटी हैं। सबसे अहम बात पुरंदेश्वरी मौजूदा TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। मौजूदा समय में वो आंध्र प्रदेश की बीजेपी अध्यक्ष हैं। 1996 में जब एनटी रामाराव का तख्तापलट किया गया था, तब पुरंदेश्वरी ने नायडू का समर्थन किया था।
2004 में लड़ा पहला चुनाव
पुरंदेश्वरी की पढ़ाई-लिखाई चेन्नई से हुई है। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1979 में लिटरेचर में बीए किया। 2004 के 14वीं लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिल्म निर्माता दग्गुबाती रामानायडू को हराया और पहली बार वो बापटला निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर संसद पहुंचीं।
2014 में BJP में हुईं शामिल
7 मार्च 2014 को उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर BJP ज्वॉइन कर लिया। आंध्र प्रदेश को बांटकर दो राज्य बनाने के मसले पर पुरंदेश्वरी कांग्रेस से नाराज हो गई थीं। तब उन्होंने कहा था कि जिस तरह कांग्रेस ने तेलंगाना राज्य बनाने के लिए आंध्र प्रदेश का विभाजन किया है। मौजूदा समय में वो आंध्र प्रदेश की बीजेपी अध्यक्ष हैं।
कम्मा समुदाय का वोट बैंक भी वजह
पुरंदेश्वरी कम्मा समुदाय से हैं। चंद्रबाबू नायडू भी इसी समुदाय के हैं। आंध्र प्रदेश की राजनीति में यह प्रभावशाली समुदाय है। कम्मा समुदाय को TDP का ट्रेडिशनल वोटर माना जाता है। साफ है कि डी पुरंदेश्वरी के बहाने भाजपा नायडू की पार्टी के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती है।