One Nation, One Poll: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' यानी एक देश एक चुनाव विधेयक पर चर्चा के लिए बुधवार (18 दिसंबर) को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित की गई। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस कमेटी में लोकसभा से प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी, अनुराग ठाकुर, वीडी शर्मा समेत 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल किए गए हैं। जो कि बजट सत्र के दौरान रिपोर्ट सौंपेगी। 

कमेटी का क्या है उद्देश्य?
जेपीसी का मुख्य कार्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव पर विचार करना है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया था। इस बिल के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट दिया, जबकि 196 ने इसका विरोध किया।

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JPC के लोकसभा सदस्यों में कौन-कौन?
पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बंसुरी स्वराज, परशोत्तम भाई रुपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भरतृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, कल्याण बनर्जी, टीएम सेल्वगणपति, सुप्रिया सुले, जीएम हर्ष बालयोगी, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, चंदन चौहान, बालाशोरी वल्लभ नेनी की सदस्यता वाली ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को बजट सत्र के अंतिम हफ्ते के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

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विपक्ष ने एक चुनाव बिल की आलोचना की 

  • कांग्रेस, डीएमके और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक को "संघीय ढांचे के खिलाफ" करार दिया है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने विधेयक को संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताते हुए कहा, “यह अनुच्छेद 83(2)(1) के विपरीत है। राज्य सरकारें केंद्र के अधीन नहीं हैं। यह राज्य विधानसभाओं की स्वतंत्रता पर हमला है।” 
  • लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने एएनआई से कहा कि सरकार तर्क दे रही है कि चुनाव कराने में करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं और यह पैसे बचाने की एक कोशिश है। लोकसभा चुनाव कराने में ₹3700 करोड़ खर्च होते हैं, यह आंकड़ा 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान ECI ने दिया था। ₹3700 करोड़ देश के वार्षिक बजट का सिर्फ 0.02% है। एनुअल बजट के इतने छोटे खर्चे को रोकने के लिए सरकार देश के पूरे संघीय ढांचे को खत्म करना चाहती है और चुनाव आयोग को ज्यादा पॉवरफुट बनाना चाहती है।