BJP Mission 2024 Lok Sabha Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार सीटों का लक्ष्य तय किया है। लोकसभा में पीएम मोदी ने जब यह लक्ष्य तय किया तो वे काफी आश्वस्त थे। जिस पर विपक्ष ने निशाना भी साधा। फिलहाल भाजपा लक्ष्य को पाने के लिए सियासी दांव चलने लगी है। महाराष्ट्र में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे से वार्ता चल रही है। वहीं, उत्तर प्रदेश में सपा गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी को भाजपा ने चार सीटों का ऑफर दिया है। चर्चा है कि जयंत चौधरी भाजपा के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।   

आइए जानते हैं ताजा सियासी घटनाक्रम 

क्या भाजपा से हाथ मिलाएंगे राज ठाकरे?
महाराष्ट्र में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। इसके बाद अटकलें तेज हो गईं कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से हाथ मिला सकती है। सूत्रों ने बताया कि एमएनएस नेता बाला नंदगांवकर, संदीप देशपांडे और नितिन सरदेसाई को सीट बंटवारे पर आगे की चर्चा के लिए राज ठाकरे ने जिम्मेदारी सौंपी है।

महाराष्ट्र में इस साल दो चुनाव होंगे। पहला लोकसभा चुनाव और दूसरा विधानसभा चुनाव होगा। राज्य में 48 लोकसभा सीटें और 288 विधानसभा क्षेत्र हैं। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं।

Raj Thackeray

जयंत चौधरी को यूपी में दिया 4 लोकसभा सीटों का ऑफर
विपक्ष के इंडिया गुट को एक बार फिर झटका लग सकता है। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के नेता जयंत चौधरी कथित तौर पर आगामी लोकसभा चुनावों में संभावित गठबंधन के लिए भाजपा के साथ बातचीत कर रहे हैं। बीजेपी ने रालोद को उत्तर प्रदेश में चार लोकसभा सीटें कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा की पेशकश की है। सूत्रों ने यह भी कहा कि जयंत चौधरी ने मंगलवार को दिल्ली में एक वरिष्ठ भाजपा नेता से मुलाकात की, जिससे अटकलें तेज हो गईं कि दोनों दल महत्वपूर्ण चुनावों से पहले हाथ मिलाने पर विचार कर सकते हैं।

छपरौली में जयंत ने रद्द की रैली
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में चौधरी का भाजपा की ओर झुकाव से भारतीय गुट को एक और झटका लगेगा। फिलहाल जयंत चौधरी गठबंधन से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के छपरौली में एक रैली स्थगित कर दी, जहां उनके दादा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया जाना था। ऐसी भी चर्चा है कि अगर बीजेपी और आरएलडी के बीच सहमति बनती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली में शामिल हो सकते हैं। 

सपा ने दी 7 सीटें, 3 पर असहमति
19 जनवरी को एसपी और आरएलडी ने सीट-बंटवारे को फाइनल किया था। जिसमें चौधरी की पार्टी को सात सीटें दी गईं। हालांकि, तीन क्षेत्रों - मुजफ्फरनगर, बिजनौर और कैराना पर असहमति है, जहां एसपी ने आरएलडी के बैनर तले अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की इच्छा जताई। इसके बाद से दोनों नेताओं के बीच तनाव चल रहा है। सपा ने 16 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस को 11 सीटों का ऑफर दिया है।

पिछले लोकसभा चुनाव में सपा को मिली थीं 5 सीटें
2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को एक सीट हासिल हुई थी। जबकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली सपा ने पांच सीटें जीतीं। सपा अब 65 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।